क्या NDA में शामिल हो सकती है वाईएसआर कांग्रेस, सीएम जगन मोहन रेड्डी ने पीएम मोदी से की मुलाकात
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।इसके पहले वो गृहमंत्री अमित शाह से भी मिल चुके हैं। इसके बाद उनकी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं।
सूत्रों के मुताबिक, रेड्डी ने पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान राज्य से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की। इन मुद्दों में पोलावरम सिंचाई परियोजना के लिए लंबित धनराशि जारी करना भी शामिल है। वाईएसआर कांग्रेस के राजग में शामिल होने की अटकलों के बीच आठ महीने बाद रेड्डी और मोदी की मुलाकात हुई है। बैठक के दौरान राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई या नहीं इसकी जानकारी नहीं है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, 40 मिनट तक चली बैठक में रेड्डी ने लंबित बकाया धनराशि और कड्डपा इस्पात संयंत्र जैसी विभिन्न परियोजनाओं के लिए मंजूरी पर चर्चा की।
सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मोदी से दस हजार करोड़ रुपये के लंबित राजस्व अनुदान और पोलावरम परियोजना के लिए 3,250 करोड़ रुपये को जारी करने तथा कुर्नूल जिले में उच्च न्यायालय की स्थापना का अनुरोध किया।
रेड्डी ने अभी 23 और 24 सितंबर को अमित शाह से मुलाकात की थी। आंध्र प्रदेश की विपक्षी पार्टी तेलुगु देशम के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का आरोप है कि रेड्डी केंद्र के साथ डील करना चाहते हैं ताकि उनके खिलाफ सीबीआई मामलों में उनको राहत मिल सके।
रेड्डी के राजग में शामिल होने की अटकलें इसलिए भी उठ रही हैं क्योंकि अब गठबंधन से शिवसेना और शिरोमणि अकाली दल निकल चुके हैं, ऐसे में उसे नए सहयोगियों की जरूरत होगी। जगन मोहन रेड्डी राजग में शामिल होकर राज्यसभा में उसकी सीटें बढ़ा सकते हैं और इसके बदले में उन्हें केंद्र सरकार में एक कैबिनेट मंत्री और एक राज्य मंत्री का पद मिल जाएगा। इसके साथ ही भाजपा के साथ रिश्ते सुधारने की आस बनाए हुए नायडू की कोशिशों पर भी रोक लगाया जा सकेगा।
हालांकि, वाईएसआर कांग्रेस ने इन अटकलों को खारिज किया है। वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि ऐसे वक्त में जब राज्य मुश्किल आर्थिक चुनौतियों से गुजर रहा है तो केंद्र से अच्छे संबंध फायदेमंद हो सकते हैं। उनका कहना है कि चूंकि जगन मोहन रेड्डी 2019 में आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिलवाने की मांग के साथ सत्ता में आए थे, ऐसे में इस मांग के पूरा हुए बगैर राजग में जाना उनके लिए नुकसानदायी हो सकता है।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा चाहती है कि वाईएसआर कांग्रेस राजग का हिस्सा बन जाए। इसके पीछे की वजह इस साल के शुरू में शिवसेना का गठबंधन से बाहर हो जाना और पिछले महीने शिरोमणि अकाली दल के कृषि कानूनों के विरोध के चलते अलग होना बताया जा रहा है। इन दोनों दलों के बाहर होने से राज्यसभा में एनडीए के सदस्यों की संख्या घटकर 113 हो गई है। वहीं, यूपीए की ताकत 60 सीटों पर बनी हुई है, जबकि अन्य दलों में 70 सदस्य हैं।
सूत्रों ने कहा कि 28 सांसदों के साथ (22 लोकसभा में और छह राज्यसभा में) वाईएसआर कांग्रेस संसद में भाजपा की राह आसान बना सकती है। पार्टी ने अभी-अभी संपन्न सत्र में कृषि कानूनों के समर्थन में मतदान किया था।