भारत
जंजीरों में बंधी दो हथिनियों को मुक्त कराने के लिए अभियान
jantaserishta.com
6 Dec 2022 8:51 AM GMT
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जमशेदपुर (आईएएनएस)| जमशेदपुर के पास स्थित दलमा वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी में पिछले कई वर्षों से जंजीरों में बांधकर रखी गई दो हथिनियों को मुक्त कराने के लिए आसपास के ग्रामीण आंदोलन पर उतर आए हैं। संयुक्त ग्राम सभा के बैनर तले सैकड़ों ग्रामीणों ने पदयात्रा निकाली और वन विभाग के कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना है कि हथिनियों को जंजीरों में बांधकर रखा जाना न सिर्फ उनके साथ अमानवीय सलूक है, बल्कि यह वनवासियों-आदिवासियों की भावनाओं पर भी प्रहार है।
दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी हाथियों के स्वच्छंद विहार के लिए प्रसिद्ध है। बड़ी संख्या में पर्यटक यहां हाथियों को प्राकृतिक रूप से विचरण करते देखने आते हैं, लेकिन रजनी और चंपा नामक दो हथिनियां यहां पिछले कई वर्षों से जंजीरों में बांधकर रखी गई हैं।
दरअसल ये दोनों हथिनियां दूसरी जगहों से रेस्क्यू कर यहां लाई गई थीं। रजनी नामक हथिनी 13 साल की है। उसे वर्ष 2009 में पूर्वी सिंहभूम के चांडिल के पास एक गड्ढे में जख्मी हाल में पाया गया था। इसी तरह चंपा नामक हथिनी की उम्र लगभग 60 साल है। उसे धनबाद में एक महावत के पास से आजाद कराया गया था।
वन विभाग के अफसरों का कहना है कि ये दोनों अपने झुंडों से बिछड़ने की वजह से प्रतिकूल स्थितियों में यहां लाकर रखी गई हैं, इसलिए इन्हें अभयारण्य के दूसरे हाथियों की तरह खुला नहीं छोड़ा जा सकता। दूसरी तरफ इन्हें मुक्त कराने की मांग कर रहे लोगों का कहना है कि इनके साथ क्रूर व्यवहार हो रहा है। इन्हें प्राकृतिक तौर पर रहने-घूमने की आजादी दी जानी चाहिए।
इन हथिनियों को मुक्त कराने के लिए सोमवार को निकाली गई पदयात्रा और प्रदर्शन की अगुवाई शहरबेड़ा ग्राम के परंपरागत ग्राम प्रधान अनंत सिंह और चाकुलिया के ग्राम प्रधान अनूप टुडू ने किया। प्रदर्शनकारियों के हाथों में हथिनियों को मुक्त कराने की मांगों वाले बैनर थे। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि हथिनियों को मुक्त नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
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