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केंद्रीय मंत्री को कहा चंडाल...पूर्व केंद्रीय मंत्री भड़के
jantaserishta.com
29 Nov 2024 5:21 AM GMT
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फाइल फोटो
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खगड़िया: लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) चीफ पशुपति पारस ने अपने भतीजे केंद्रीय मंत्री और LJP (R) के प्रमुख चिराग पासवान को अपशब्द कहे हैं. पशुपति पारस ने खगड़िया में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, 'इस चंडाल के कारण बड़े भाई को अंतिम समय में नहीं देख पाया. कोरोना की वजह बताकर मुझे और मेरे परिवार के किसी भी सदस्य को बड़े भाई साहब से मिलने नहीं दिया गया. जबकि अंतिम समय में बड़े भाई रामविलास पासवान परिवार के सभी लोगों को खोज रहे थे. जो जैसा करेगा. वैसा फल मिलेगा.'
बता दें कि रामविलास पासवान के निधन के बाद LJP में टूट हो गई थी. इसके बाद कुछ समय तक लोगों को लगने लगा था कि चिराग पासवान हाशिए पर चले गए हैं, लेकिन 2024 में सब कुछ बदल चुका है. इस साल हुए लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान ने दमदार वापसी की और इस समय वह केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री भी हैं.
भतीजे चिराग पासवान के खिलाफ चाचा पशुपति कुमार पारस ने आपत्तिजनक भाषा का किया इस्तेमाल। देखें VIDEO @iChiragPaswan @LJP4India @ArunBhartiLJP #chiragpaswan #ljpramvilas #pashupatikumarparas #biharpolitics pic.twitter.com/KQxR9aOZkN
— PRASOON PANDEY (@prsnpandey007) November 28, 2024
बता दें कि पशुपतिनाथ पारस बिहार के राजनेता हैं और भारत सरकार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री रह चुके हैं. वह हाजीपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सदस्य रह चुके हैं. पशुपति पारस दिवंगत रामविलास पासवान के छोटे भाई हैं.
बता दें कि 2024 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद पशुपति पारस का राजनीतिक अस्तित्व खतरे में आ गया है. पहले उन्हें एनडीए में कोई सीट नहीं मिली और बाद में पटना में पार्टी कार्यालय भी उनसे छिन गया. पटना के जिस सरकारी बंगले में पशुपति पारस अपनी पार्टी का कार्यालय चलाते थे, उसे उन्हें खाली करना पड़ा. रामविलास पासवान के पार्टी अध्यक्ष रहते एलजेपी का प्रदेश कार्यालय पटना के व्हीलर रोड पर एक सरकारी बंगले में था.
पार्टी में टूट होने पर चिराग पासवान को बेदखल कर चाचा पशुपति पारस ने पटना के प्रदेश कार्यालय वाले बंगले पर कब्जा जमाए रखा था. बंगले को लेकर चाचा और भतीजे के बीच लंबे समय तक विवाद भी चला. 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद चिराग पासवान की स्थिति मजबूत हुई. बिहार की एनडीए सरकार ने बंगले का आवंटन पशुपति कुमार पारस के लिए रद्द करते हुए इसे चिराग पासवान की पार्टी के लिए आवंटित कर दिया गया.
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