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हाईकोर्ट ने ईडी और सीबीआई से रिश्वत देकर नौकरी पाने वालों की सूची मांगी
jantaserishta.com
14 July 2023 11:48 AM GMT
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जानें पूरा मामला.
कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की एकल पीठ ने शुक्रवार को सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों से उन उम्मीदवारों की विस्तृत सूची मांगी है जिन्हें रिश्वत देकर पश्चिम बंगाल के स्कूलों में प्राथमिक शिक्षकों के रूप में नियुक्ति मिली है।
न्यायमूर्ति सिन्हा ने दोनों केंद्रीय एजेंसियों को इस संबंध में 19 अगस्त तक अलग-अलग रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। इससे पहले ईडी के वकील ने मामले में एजेंसी की प्रगति रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में अदालत को सौंपी। पता चला है कि प्रगति रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल स्कूल भर्ती मामले में कुल लेनदेन 350 करोड़ रुपये आंका गया है। ईडी ने अदालत को यह भी बताया कि उनके अधिकारियों ने स्कूल भर्ती मामले के संबंध में अब तक 126.70 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।
सीबीआई के वकील ने न्यायमूर्ति सिन्हा की पीठ को एक अलग रिपोर्ट सौंपी जिसमें दावा किया गया कि घोटाले के आरोपी और तृणमूल कांग्रेस के निष्कासित युवा नेता कुंतल घोष द्वारा एजेंसी पर स्कूल भर्ती घोटाले में टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव का नाम लेने के लिए दबाव बनाने का आरोप पूरी तरह निराधार है। सीबीआई के वकील ने दावा किया, "घोष ने कोलकाता की एक विशेष अदालत के न्यायाधीश के साथ-साथ शहर के एक स्थानीय थाने के प्रभारी अधिकारी को लिखे अपने पत्रों में जो आरोप लगाए हैं, उनमें कोई दम नहीं है।" इस मामले में सीबीआई के वकील ने प्रेसीडेंसी सेंट्रल सुधार गृह के अधिकारियों पर, जहां कुंतल घोष को रखा गया है, परिसर के भीतर सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने में लापरवाही का भी आरोप लगाया।
सीबीआई के वकील ने अदालत को सूचित किया, "जेल मैनुअल के अनुसार, 180 दिनों के सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने की आवश्यकता है। लेकिन इस मामले में सुधार गृह अधिकारी सात दिनों से पुराने फुटेज उपलब्ध नहीं करा सके।"
उसके बाद न्यायमूर्ति सिन्हा ने दोनों जांच एजेंसियों के वकीलों से सवाल किया कि उनके अधिकारियों को मामले में सरगना तक पहुंचने में इतना समय क्यों लग रहा है।
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