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कैबिनेट मंत्री का बड़ा बयान...राज्य में लागू हो सकता है नाइट कर्फ्यू

Admin2
20 Feb 2021 10:36 AM GMT
कैबिनेट मंत्री का बड़ा बयान...राज्य में लागू हो सकता है नाइट कर्फ्यू
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महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के मामलों में बेतहाशा वृद्धि को देखते हुए राज्य सरकार महाराष्ट्र भर में नाइट कर्फ्यू लागू करने पर विचार कर रही है. राज्य के कैबिनेट मंत्री विजय वडेट्टीवार ने शनिवार को इस बात का स्पष्ट सकेंत दिए हैं. नागपुर में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि अगर स्थिति नहीं सुधरी तो महाराष्ट्र में शाम 6 बजे से सुबह 8 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया जा सकता है. राज्य में मुंबई, पुणे, नागपुर, औरंगाबाद, नासिक जैसे शहरों में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. राज्य सरकार द्वारा जनता से बार-बार कोरोना के नियमों के पालन की अपील की जा रही है. लेकिन जनता द्वारा लगातार इन नियमों की अनदेखी की जा रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार नाइट कर्फ्यू के विकल्प पर विचार कर रही है. लोगों को कोरोना गाइडलाइंस का पालन करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है और इस पर नियंत्रण के लिए मार्शल्स की नियुक्ति भी की गयी है. सार्वजनिक जगहों और लोकल ट्रेन में सावधानी का ख़ास ध्यान रखा जा रहा है.

महाराष्ट्र में नाइट कर्फ्यू लाने का विचार क्यों किया जा रहा है, यह सवाल पूछने पर विजय वडेट्टीवार ने पत्रकारों से कहा, 'मास्क लगाना, भीड़ इकट्ठी नहीं करना, इन सब बातों का नागरिकों को ध्यान रखना चाहिए. अब हमने शादी सामारोहों से जुड़े कार्यालयों और हॉल्स पर कार्रवाई शुरू कर दी है. साधारण तौर पर शाम 6 बजे से सुबह 9 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाने का विचार राज्य सरकार कर रही है. अगर लोगों ने सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा तो लॉकडाऊन की नौबत आ सकती है. '

क्या राज्य में एक साथ नाइट कर्फ्यू लागू करेगी सरकार? यह सवाल पूछे जाने पर विजय वडेट्टीवार ने कहा कि फिलहाल तो एक साथ मुंबई से पूरे राज्य के लिए निर्णय लेने के बारे में सोचा नहीं गया है. लेकिन सभी जिलाधिकारियों को यह अधिकार दे दिया गया है कि अपने-अपने जिलों की परिस्थितियों को देखते हुए वे कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए कर्फ्यू या अन्य प्रतिबंधात्मक उपायों को लागू कर सकते हैं. प्रत्येक जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या, संक्रमण के प्रसार की रफ्तार, बाजारों या सार्वजनिक ठिकानों में भीड़ की तादाद को देखते हुए जिलाधिकारी नाइट कर्फ्यू का निर्णय लेने में पूरी तरह स्वतंत्र हैं. इसके बाद भी स्थिति नहीं सुधरी तो आगे के कदम उठाए जा सकते हैं.

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