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महाराष्ट्र में कल कैबिनेट की मीटिंग, इस विषय पर हो सकता है अहम फैसला
jantaserishta.com
27 April 2022 5:04 PM GMT
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ्यूल के दामों पर वैट घटाने की अपील के बाद गैर बीजेपी शासित राज्यों ने केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र पर सौतेला रवैया अपनाने का आरोप लगा दिया. उन्होंने आंकड़े भी पेश किए और बताया कि वे कम टैक्स ले रहे हैं. इस बीच, खबर आ रही है कि गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार ने कैबिनेट बैठक बुलाई है, इसमें वैट घटाने को लेकर चर्चा हो सकती है.
सूत्रों की मानें तो उद्धव सरकार कैबिनेट मीटिंग में वैट (Vat) कम करने पर चर्चा कर सकती है. पेट्रोल पर लगने वाले टैक्स में 1 रुपए की कटौती की जा सकती है. संभव है कि सरकार इस संबंध में फैसला ले सकती है. बता दें कि पेट्रोल की कीमतों पर 31.58 पैसे केंद्र का टैक्स है तो 32.55 पैसे राज्य का टैक्स है. यानी केंद्र के टैक्स से एक रुपया ज्यादा है. ऐसे में संभव है कि वित्त विभाग एक रुपया टैक्स कम करने का कैबिनेट में प्रस्ताव रख सकती है. कैबिनेट में सहमति बनाने पर ही फैसला होगा.
नागरिकों को सच पता होना जरूरी: उद्धव
इससे पहले मुख्यमंत्री ठाकरे ने पीएम मोदी के वैट घटाने की अपील पर जवाब दिया. उद्धव ने कहा कि देश के विकास में महाराष्ट्र का सबसे बड़ा योगदान है, लेकिन केंद्र सरकार आर्थिक मामलों में महाराष्ट्र के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कोविड समीक्षा बैठक में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स का मुद्दा उठाया और राज्य सरकार पर पेट्रोल-डीजल के दाम ऊंचे रखने का आरोप लगाया. उद्धव ने कहा कि यह स्पष्ट करना जरूरी है, ताकि नागरिकों को सच पता चले.
महाराष्ट्र पर जीएसटी का 26500 करोड़ बकाया
महाराष्ट्र को केंद्रीय टैक्स का 5.5 फीसदी हिस्सा मिलता है. कुल प्रत्यक्ष कर में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 38.3 प्रतिशत है. महाराष्ट्र देश में सबसे ज्यादा 15% जीएसटी एकत्रित करता है. प्रत्यक्ष कर और जीएसटी दोनों को मिलाकर महाराष्ट्र देश का नंबर एक राज्य है. इसके बावजूद राज्य पर अभी भी करीब 26,500 करोड़ रुपये का जीएसटी बकाया है.
केंद्र से उम्मीद- समान व्यवहार किया जाए
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र से आपदा के समय एनडीआरएफ के क्राइटेरिया (मानदंड) को बढ़ाकर आपदा पीड़ितों की मदद करने के लिए कहा है, लेकिन केंद्र ने कोई कार्रवाई नहीं की है. इसके विपरीत राज्य ने विभिन्न आपदाओं में तय मानक से ज्यादा मात्रा में मदद देकर राहत प्रदान की. तोक्ते जैसे चक्रवात में महाराष्ट्र से ज्यादा गुजरात को मदद मिली. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र से सभी राज्यों को समान व्यवहार की उम्मीद है.
राज्य की वजह से फ्यूल महंगा नहीं
उद्धव ने साफ किया कि आज मुंबई में एक लीटर डीजल के दाम पर केंद्र का 24.38 प्रतिशत और राज्य का 22.37 रुपए प्रति लीटर टैक्स है. पेट्रोल की कीमत पर 31.58 पैसे केंद्रीय कर और 32.55 पैसे राज्य का कर है. इसलिए यह सच नहीं है कि राज्य की वजह से पेट्रोल-डीजल महंगा हो गया है. राज्य सरकार पहले ही प्राकृतिक गैस के संबंध में टैक्स में राहत दे चुकी है. प्राकृतिक गैस पर 13.5 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत कर दिया गया है. पाइप गैस धारकों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को भी लाभ मिला.
ब्लेम गेम बंद करना होगा: फडणवीस
इधर, बीजेपी नेता और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ब्लेम गेम करना और कुकर्मों को छिपाना आसान है लेकिन इससे आम आदमी को राहत नहीं मिलती. जब भारत सरकार ने पिछले नवंबर में ईंधन की कीमतों पर एक्साइज टैक्स कम किया और राज्यों से टैक्स कम करने के लिए कहा, लेकिन महाराष्ट्र समेत गैर-बीजेपी शासित राज्यों ने सिर्फ मुनाफा कमाया. महाराष्ट्र ने पहले ही 3400 करोड़ से ज्यादा लाभ कमाया.
राज्य में पेट्रोल के रेट 120 से ज्यादा
बता दें कि महाराष्ट्र में पेट्रोल के दाम 120 रुपए प्रति लीटर का आंकड़ा पार कर चुके हैं. जनता महंगाई से त्रस्त है, लेकिन राज्य में हनुमान चालीसा और मस्जिदों पर लाउडस्पीकर के मुद्दे पर राजनीतिक बवाल चल रहा है. ऐसे में पीएम मोदी ने वैट कम करने की अपील करके महंगाई का ठीकरा राज्य सरकार पर फोड़ दिया है. हालांकि सीएम ने बकाया की फेहरिस्त जारी कर केंद्र को करारा जवाब देने की कोशिश है
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