धर्मशाला। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बीच बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल बैठक होगी। दूसरे दिन की कार्यवाही के बाद होने वाली इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रदेश सरकार के 2 नए मंत्री राजेश धर्माणी एवं यादविंद्र गोमा भी पहली बार भाग लेंगे। बैठक में विधानसभा में लाए जाने वाले संशोधनों …
धर्मशाला। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बीच बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल बैठक होगी। दूसरे दिन की कार्यवाही के बाद होने वाली इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रदेश सरकार के 2 नए मंत्री राजेश धर्माणी एवं यादविंद्र गोमा भी पहली बार भाग लेंगे। बैठक में विधानसभा में लाए जाने वाले संशोधनों को मंजूरी प्रदान की जा सकती है। इसके तहत मानसून के कारण आई प्राकृतिक आपदा से सबक लेते हुए छोटे कस्बों को टीसीपी के दायरे में लाने संबंधी संशोधन विधेयक को मंजूरी प्रदान की जा सकती है ताकि निर्माण कार्य सुनियोजित तरीके से किया जा सके। इसके लिए साडा के क्षेत्र में आने वाले कस्बों को शामिल किया जा सकता है। दूसरे संशोधन के रूप में राज्य जल उपकर आयोग को नया नाम देने का प्रस्ताव भी बैठक में आ सकता है।
इसके अनुसार अब राज्य जल उपकर आयोग को जल आयोग के नाम से जाना जाएगा। इन प्रस्तावों को विधि विभाग की ओर से औपचारिक तौर पर वैट किया जा चुका है। केंद्र सरकार की तरफ से संसद के मौजूदा सत्र में 1899 के स्टांप एक्ट को समाप्त करने की तैयारी की गई है, जिसकी जगह नया एक्ट आएगा, ऐसे में प्रदेश सरकार स्टांप एक्ट में बदलाव को देखते हुए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज सकती है। केंद्र की स्वीकृति मिलने के बाद प्रदेश सरकार की तरफ से राज्य में स्टांप ड्यूटी संबंधी बदलाव कर सकेगी, जिसके लिए शीतकालीन सत्र में संशोधन विधेयक लाया जा सकता है। वर्तमान में स्टांप ड्यूटी एक्ट के तहत 65 वस्तुएं आती हैं, जिनमें से 49 प्रदेश सरकार और शेष केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए गैस्ट फैक्लटी का प्रस्ताव और पर्यटन विभाग की ओर से होम स्टे योजना को पॉलिसी का ड्राफ्ट भी मंजूरी के लिए रखा जा सकता है।