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कैबिनेट में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना 4 महीने बढ़ाई गई, मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी जानकारी

jantaserishta.com
24 Nov 2021 9:46 AM GMT
कैबिनेट में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना 4 महीने बढ़ाई गई, मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी जानकारी
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नई दिल्ली: कृषि कानून रद्द करने के बिल को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. इस बिल की वापसी पर मुहर लग गई है. इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में दी. अनुराग ठाकुर ने कहा प्राथमिकता के आधार पर इस बिल को रद्द करने की मंजूरी दी गई है.

पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना की मियाद मोदी सरकार ने बढ़ा दी है. अब मार्च तक मुफ्त राशन मिलता रहेगा. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट की बैठक के बाद यह जानकारी दी. अनुराग ठाकुर ने कहा कि इसपर कुल 53344 करोड़ रुपए खर्च आएगा. इस योजना से क़रीब 80 करोड़ लोगों को फ़ायदा मिलता रहेगा. अबतक 600 लाख मीट्रिक टन स्वीकृत किया जा चुका है. कुल मिलाकर इसपर 2.6 लाख करोड़ रुपए खर्च होगा.


पीएम मोदी ने कहा था, ''इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को रिपील (निरस्त) करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे.''
उन्होंने कहा, ''जीरो बजट खेती यानि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए, देश की बदलती आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर क्रॉप पैटर्न को वैज्ञानिक तरीके से बदलने के लिए, एमएसपी को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए, ऐसे सभी विषयों पर, भविष्य को ध्यान में रखते हुए, निर्णय लेने के लिए, एक कमेटी का गठन किया जाएगा.इस कमेटी में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि होंगे, किसान होंगे, कृषि वैज्ञानिक होंगे, कृषि अर्थशास्त्री होंगे.''
पीएम मोदी ने कहा, ''मैं सभी आंदोलनरत किसान साथियों से आग्रह कर रहा हूं, आज गुरु पर्व का पवित्र दिन है. अब आप अपने-अपने घर लौटें, अपने खेत में लौटें, अपने परिवार के बीच लौटें. आइए एक नई शुरूआत करते हैं. नए सिरे से आगे बढ़ते हैं.''
पीएम मोदी के इस अनुरोध के बाद भी करीब एक साल से प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने आंदोलन खत्म करने से इनकार कर दिया. किसान संगठनों का कहना है कि जब तक कानून संसद से वापस नहीं ले लिया जाता है और एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर कानून नहीं बन जाता है वह वापस नहीं जाएंगे. किसान संगठन बिजली विधेयक, केस की वापसी समेत कई अन्य मांग भी कर रहे हैं.


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