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कैबिनेट ने रेलवे में 4G टेक्नोलॉजी को दी मंजूरी

Deepa Sahu
10 Jun 2021 11:12 AM GMT
कैबिनेट ने रेलवे में 4G  टेक्नोलॉजी को दी मंजूरी
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कैबिनेट ने रेलवे में 4G टेक्नोलॉजी को मंजूरी दी है.

कैबिनेट ने रेलवे में 4G टेक्नोलॉजी को मंजूरी दी है. बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी घोषणा करते हुए कहा, Cabinet approves 4G technology in Railwaysज्यादा सुरक्षित करने के लिए 4G स्पेक्ट्रम का रेलवे को ज्यादा आवंटन किया गया है. अब तक रेलवे 2G स्पेक्ट्रम का उपयोग करती थी. इससे उनकी सुरक्षा बढ़ेगी. इससे संचार और सिग्नल में भी प्रभाव पड़ेगा. इससे रेलवे में ऑटोमेटिक सिक्योरिटी की व्यवस्था भी मजबूत होगी."

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, रेलवे में सिग्नल मोर्डेनाइजेशन और 5जी स्पेक्ट्रम इम्प्लीमेंटेशन पर अगले 5 साल में 25,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. रेलवे को 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में 5 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम मुहैया कराया जाएगा. यह अपनी संचार प्रणाली (कम्यूनिकेशन सिस्टम) में सुधार करेगा और रेल यात्रा को सुरक्षित बनाएगा. रेलवे वर्तमान में ऑप्टिकल फाइबर का उपयोग करता है. स्पेक्ट्रम की उपलब्धता से रेडियो संचार होगा.
उन्होंने यह भी कहा कि ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन की व्यवस्था अब रेलवे में बहुत ज्यादा मजबूत की जा रही है. दो गाड़ियों का टकराव न हो, इसके लिए जो व्यवस्था बनी है, उसे 4 भारतीय कंपनियों ने बनाया है.


4G स्पेक्ट्रम में क्या है खास
4जी मोबाइल ब्रॉडबैंड एडीएसएल फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड से तेज हो सकता है और यहां तक ​​कि फाइबर ऑप्टिक या 2G स्पेक्ट्रम तक पहुंच सकता है. ये इंटरैक्टिव मल्टीमीडिया, वॉयस, वीडियो, वायरलेस इंटरनेट और दूसरी ब्रॉडबैंड सर्विस को सपोर्ट करता है. इसकी हाई स्पीड, हाई कैपेसिटी और प्रति बिट लागत कम है. इसकी दूसरी खासियत में ग्लोबल मोबिलिटी, सर्विस पोर्टेबिलिटी, स्केलेबल मोबाइल नेटवर्क, स्विचिंग, सर्विस क्वालिटी (क्यूओएस) बेस्ड सर्विस, बेहतर शेड्यूलिंग, कॉल एंट्री कंट्रोल टेक्नोलॉजी शामिल हैं.
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