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यहां एक रुपये किलो में बिक रही थी गोभी, तस्वीरों में देखें किसान ने फिर क्या किया?

jantaserishta.com
14 Dec 2020 11:09 AM GMT
यहां एक रुपये किलो में बिक रही थी गोभी, तस्वीरों में देखें किसान ने फिर क्या किया?
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फाइल फोटो 

देश में नए कृषि कानूनों के खिलाफ 18 दिन से प्रदर्शन चल रहा है, वहीं बिहार के समस्तीपुर में गोभी का उचित मूल्य नहीं मिलने से एक किसान इतना टूट गया कि उसने लहलहाती फसल पर ट्रैक्टर चला दी.

समस्तीपुर जिले के मुक्तापुर के किसान ओम प्रकाश यादव का कहना है कि गोभी की खेती में चार हजार रुपये प्रति कट्ठा का खर्च है और यहां मंडी में एक रुपये किलो भी नहीं बिक रहा है. अपनी पीड़ा बताते हुए ओम प्रकाश यादव ने कहा कि पहले तो गोभी को मजदूर से कटवाना पड़ता है, फिर बोरा देकर पैक करवाना होता है और ठेले से मंडी पहुंचाना पड़ता है, लेकिन वहां आढ़तिए एक रुपये प्रति किलो भी गोभी की फसल खरीदने को तैयार नहीं है. मजबूरन उसे अपनी फसल पर ट्रैक्टर चलवाना पड़ रहा है.
किसान ने कहा कि दूसरी बार उसकी फसल बर्बाद हुई है, इससे पहले भी उसकी फसल को कोई खरीदने वाला नहीं था.
ओम प्रकाश यादव ने कहा कि अब वे इस जमीन पर गेंहू रोपेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार से एक रुपया लाभ नहीं मिल रहा है. इससे पहले उनका काफी गेहूं खराब हो गया था तो सरकार से एक हजार 90 रुपया का मुआवजा मिला था. इस किसान ने कहा कि वह 8 से 10 बीघे में खेती करते हैं और सरकार की ओर से एक हजार रुपया क्षतिपूर्ति मिलता है.
यहां के किसानों का कहना है कि जितने रुपये खर्च कर के वो गोभी को मंडी लेकर जाएंगे वहां पर उसका मूल धन भी वापस नहीं होने वाला है. लिहाजा फसल को खेत में ही नष्ट कर देना सही है. खेत में ट्रैक्टर चलाते देखकर आस-पास के लोग खेत पहुंच गए और खेत से गोभी उठाकर घर ले गए. अपनी फसल की कीमत न पाने वाला किसान फिलहाल लोगों को अपनी गोभी ले जाता देखकर ही संतुष्ट था. इस किसान ने कहा कि ये सब गांव के लोग और मजदूर हैं, सब्जी खाकर खुश होंगे.







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