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जून तक कांग्रेस पार्टी को मिलेगा नया अध्यक्ष, केसी वेणुगोपाल का बड़ा बयान, इधर CWC की बैठक में आक्रामक दिखे अशोक गहलोत, जाने मीटिंग में क्या हुआ?

jantaserishta.com
22 Jan 2021 9:43 AM GMT
जून तक कांग्रेस पार्टी को मिलेगा नया अध्यक्ष, केसी वेणुगोपाल का बड़ा बयान, इधर CWC की बैठक में आक्रामक दिखे अशोक गहलोत, जाने मीटिंग में क्या हुआ?
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कांग्रेस पार्टी में जारी अंदरुनी कलह के बीच शुक्रवार को पार्टी की वर्किंग कमेटी की बैठक हुई. बैठक में जहां नेताओं की ओर से जल्द आंतरिक चुनाव करने की अपील की गई. तो वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बागियों पर भड़क गए. अशोक गहलोत ने कहा कि चुनाव की इतनी जल्दी क्यों हैं, क्या नेताओं को सोनिया गांधी के नेतृत्व पर भरोसा नहीं है?

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में अशोक गहलोत करीब 15 मिनट तक बोले. जहां उन्होंने कहा कि आज किसान आंदोलन, महंगाई, अर्थव्यवस्था जैसे कई मसले चल रहे हैं, ऐसे में इनपर फोकस करना जरूरी है और संगठन के चुनाव बाद में भी कराए जा सकते हैं. जल्द संगठन का चुनाव कराने वालों को गहलोत ने कहा कि क्या उन्हें सोनिया गांधी के नेतृत्व पर भरोसा नहीं है.


आपको बता दें कि कांग्रेस में संगठन चुनाव को लेकर पहले भी कई नेता सोनिया गांधी को चिट्ठी लिख चुके हैं. सूत्रों की मानें तो इन्हीं में से एक आनंद शर्मा ने ही बैठक में संगठन चुनाव का मसला उठाया. जिसपर अशोक गहलोत ने उन्हें जवाब दिया.
बैठक में ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से कहा गया कि पार्टी को जल्द ही इसका शेड्यूल निकालना चाहिए, क्योंकि कई और मुद्दे भी अहम हैं.
शुक्रवार की बैठक में ही ये बात सामने आई है कि कांग्रेस मई महीने में आंतरिक चुनाव करा सकती है. यानी पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने के बाद ही अध्यक्ष पद का चुनाव कांग्रेस कराएगी.
कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक में किसान आंदोलन, वैक्सीनेशन, चैट विवाद पर जांच की मांग से जुड़े प्रस्ताव पास किए गए हैं. साथ ही जल्द ही संगठन का चुनाव तय करने की बात हुई है. शुक्रवार की बैठक में तय हुआ है कि कांग्रेस पार्टी लगातार जिला और ब्लॉक स्तर पर कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखेगी.
अशोक गहलोत ने देश के कई ज्वलनशील मुद्दों का बैठक में जिक्र किया. राजस्थान सीएम बोले कि वैक्सीन का दाम तय हो रहा है, लेकिन गरीब कैसे लगवाएगा. तेल के दाम भी बढ़ रहे हैं, किसान आंदोलन में मारे जा रहे हैं. ऐसे में केंद्र सरकार कुछ नहीं कर रही है, इसलिए ऐसे राष्ट्रीय मुद्दों पर जोर देने की जरूरत है.


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