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पुणे: महाराष्ट्र के दो विधानसभा सीटों में उपचुनाव होने जा रहे हैं. ये अब 27 फरवरी की जगह 26 फरवरी को होंगे. राज्य चुनाव आयोग ने वोटिंग की तिथि में बदलाव की जानकारी दी है. ये दोनों उपचुनाव पुणे की कसबा सीट और पिंपरी चिंचवड की चिंचवड सीट के लिए होने जा रहे हैं. 26 फरवरी को वोटिंग की नई तारीख का ऐलान किया गया है लेकिन रिजल्ट पूर्व निर्धारित तिथि, यानी 2 मार्च को ही आएगा. कसबा सीट की बीजेपी विधायक मुक्ता तिलक और चिंचवड के बीजेपी विधायक लक्ष्मण जगताप का कुछ दिनों पहले निधन हो गया. इसलिए ये उपचुनाव हो रहे हैं.
पुणे जिले से चुनाव आयोग की एक रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव आयोग को भेजी गई थी, जिसमें यह सूचना दी गई थी कि 27 फरवरी को ही बारहवीं की परीक्षा भी है. इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए वोटिंग की तारीख में फेरबदल किया गया.
बीजेपी की योजना इन दोनों ही सीटों पर निर्विरोध उम्मीदवार जितवाने की है. इसलिए बहुत संभव है कि वह कसबा सीट से दिवंगत विधायक मुक्ता तिलक के पति शैलेश तिलक को टिकट दे और सहानुभूति वोट का सहारा लेकर आसानी से जीत हासिल करे. खास कर कसबा में तो बीजेपी यह कार्ड खेलने के मूड में पूरी तरह से तैयार है. इसका संकेत बुधवार को पुणे की अहम मीटिंग में कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटील ने भी दिया.
देवेंद्र फडणवीस ने यह कहा है कि वे महाविकास आघाड़ी के नेताओं से अपील करेंगे कि वे महाराष्ट्र की राजनीतिक परंपरा का पालन करें और दिवंगत विधायक को एक श्रद्धांजलि के तहत चुनाव निर्विरोध होने दें. सीएम एकनाथ शिंदे भी इस तरह की अपील कर चुके हैं. बीजेपी ने अंधेरी उपचुनाव में अपने उम्मीदवार के वापस लेने की बात दोहराई है.
लेकिन शिवसेना के ठाकरे गुट ने साफ कर दिया है कि चुनाव निर्विरोध नहीं होने जा रहा है. इस संबंध में ठाकरे गुट की बुधवार को हुई अहम मीटिंग के बाद संजय राउत ने यह साफ कर दिया कि चिंचवड में ठाकरे गुट अपना उम्मीदवार खड़ा करेगा और पुणे के कसबा पेठ में कांग्रेस और एनसीपी यह तय कर ले कि किसे उम्मीदवारी देनी है. संजय राउत ने यह भी याद दिलाया कि बीजेपी ने नांदेड़ में अपना उम्मीदवार वापस नहीं लिया था.
चिंचवड की बात करें तो 2019 के चुनाव में दिवंगत विधायक लक्ष्मण जगताप ने यहां हेट्रिक जीत दर्ज की थी. दूसरे नंबर पर निर्दलीय उम्मीदवार राहुल कलाटे रहे थे. शिवसेना के ठाकरे गुट ने अपनी मीटिंग करके अपने आप यहां से उम्मीदवार खड़ा करने का ऐलान कर दिया है और कांग्रेस-एनसीपी को पुणे के कसबा सीट में एक-दूसरे से उलझने के लिए छोड़ दिया. पर सवाल है कि क्या महाविकास आघाड़ी में ठाकरे गुट के उम्मीदवार को लेकर रजामंदी होगी?
अब अगर पुणे के कसबा सीट का विचार करें तो पिछली बार मुक्ता तिलक ने कांग्रेस उम्मीदवार को हरा कर जीत हासिल की थी. ऐसे में कसबा सीट पर हक कांग्रेस का बनता है. फिर कांग्रेस एनसीपी के लिए यह जगह क्यों छोड़ेगी? कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले और एनसीपी नेता अजित पवार ये तो साफ कर चुके हैं कि वे बीजेपी द्वारा इस सीट पर निर्विरोध चुनाव की इजाजत नहीं देने जा रहे हैं. यानी बीजेपी उम्मीदवार की फाइट होनी तय है. पर महाविकास आघाड़ी की किस पार्टी के उम्मीदवार से फाइट होगी, यह तय नहीं है. उम्मीदवार के नाम का ऐलान अब तक किसी ने नहीं किया है.
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