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बर्फबारी में देरी से कारोबारी बेहाल, पटनीटॉप में मात्र 50 फीसदी कारोबार
क्रिसमस के बाद नववर्ष पर ही हिमपात का इंतजार करते रहे चाहवान, बाद में रद्द कर दिए प्लान संवाद न्यूज एजेंसी चिनैनी। जम्मू संभाग के विकसित पर्यटन स्थल पटनीटाॅप में फरवरी के पहले हफ्ते हुई बर्फबारी ने पर्यटकों को जरूरी आकर्षित किया है। इससे सूखे की मार झेल रहे कारोबारियों को कुछ राहत मिली है। …
क्रिसमस के बाद नववर्ष पर ही हिमपात का इंतजार करते रहे चाहवान, बाद में रद्द कर दिए प्लान
संवाद न्यूज एजेंसी
चिनैनी। जम्मू संभाग के विकसित पर्यटन स्थल पटनीटाॅप में फरवरी के पहले हफ्ते हुई बर्फबारी ने पर्यटकों को जरूरी आकर्षित किया है। इससे सूखे की मार झेल रहे कारोबारियों को कुछ राहत मिली है। लेकिन क्रिसमस और उसके बाद नववर्ष पर बर्फबारी नहीं होने से पर्यटक स्थल सैलानियों की राह देखता रहा। कइयों ने प्लान तक रद्द कर दिए। सूखे के चलते इस बार पर्यटन कारोबारियों को काफी नुकसान हुआ है। करीब 50 फीसदी ही अभी तक कारोबार हो पाया है।
दिसंबर और जनवरी माह में सूखा रहा। इस कारण हिमपात के शौकीनों ने अपने प्लान तक रद्द कर दिए। कारोबारियों का मानना है कि पटनीटाॅप समेत नत्थाटाॅप में दिसंबर व जनवरी को हिमपात हो जाता है। उस समय सैलानी नए वर्ष और हिमपात दोनों का आनंद लेने पहुंचते हैं। इससे होटल सहित अन्य कारोबारियों को काफी रोजगार के अवसर मिलते हैं। इस बार मौसम की बेरुखी के चलते एडवांस बुकिंग भी पहले नहीं हुई। दिसंबर में हिमपात होने से सैलानी पटनीटाॅप समेत नत्थाटाॅप, सनासर, कुद, सुद्धमहादेव और मानतलाई का रुख करते है।
पटनीटाॅप और नत्थाटाॅप में हिमपात देरी से होने के कारण कारोबार 50 फीसदी प्रभावित हुआ है। जो कारोबार दिसंबर व जनवरी में होता है वह इस बार फरवरी में हो रहा है। पर्यटन सीजन कम हो गया है। प्रशासन को हिमपात के दौरान इन स्थलों पर जाम की समस्या दूर करने के लिए कदम उठाने चाहिए।
- प्रकाश चंद, प्रधान, टैक्सी यूनियन एवं पूर्व बीडीसी चेयरमैन
दिसंबर व जनवरी की छुट्टियां और नए वर्ष पर कई सैलानी हिमपात का आनंद लेने पटनीटॉप पहुंचते हैं। इस बार दिसंबर व जनवरी में वैसा कारोबार नहीं हुआ जैसे होता है। फरवरी में हिमपात से कारोबार तो बढ़ा है, लेकिन यह रुटीन है। मार्च तक ऐसा कारोबार बर्फ के दौरान रहेगा। कारोबार पर करीब 50 फीसदी असर पड़ा है।
- एसके बडियाल, होटल प्रबंधक, पटनीटॉप
हिमपात देरी से हुआ है, जिससे पटनीटाॅप में दिसंबर व जनवरी में पहुंचने वाले सैलानी इसका आंनद नहीं ले पाए। कई सैलानियों ने अपना टूर हिमपात को देख कर ही बनाना था, लेकिन अब उनके पास समय नहीं है। कई सैलानी पूछताछ करते थे, लेकिन हिमपात दिसंबर व जनवरी में नहीं हुआ। इसका कारोबार पर असर साफ देखने को मिला है।
- राजेश ठाकुर, होटल प्रबंधक, पटनीटॉप