कारोबारी पीयूष जैन हिरासत में, 185 करोड़ जब्ती मामले में उगले कई राज
फिलहाल तीन दिन के बाद डीजीआई की टीम ने पीयूष जैन को हिरासत में ले लिया है और आयकर विभाग ने उन्हें कन्नौज ले गए और पुश्तैनी मकान की तलाशी ली. बताया जा रहा है कि गुप्त लॉकरों की तलाश में घर की दीवारों को कटर से काटा जा रहा है. इसके साथ ही नोटों से भरी 21 पेटियों की अंतिम खेप शनिवार को दोपहर ढाई बजे आनंदपुरी स्थित आवास से भेजी गई. जैन के पास से मिले खजाना रखने के लिए स्टेट बैंक की करेंसी चेस्ट को देर रात तक खुला रखा गया था औऱ यहां पर अब तक 180 करोड़ रुपए रखे गए हैं.
आयकर विभाग के अफसरों ने जब पीयूष जैन ने पूछताछ की तो उसने कहा कि यह पैसा मेरा है, जिसे पुश्तैनी सोना बेचकर जमा किया गया था. हालांकि जैन सोने को लेकर ज्यादा जवाब नहीं दे सका. आयकर विभाग के अफसरों ने जैसे पूछा कि सोना क्यों बेचा गया सोना, किसे बेचा गया. इसका जवाब उसके पास नहीं था. आयकर विभाग के अफसरों के मुताबिक कन्नौज में दो दिन की कड़ी मेहनत के बाद विजिलेंस टीम को पीयूष जैन के आवास से भी बड़ी रकम मिली है और वहां पर नोट गिनने वाली मशीन भी मिली थी. जैन के घर में बोरे, गत्ते और दीवानों में नोट रखे गए थे और ये रकम 2,000 रुपये और 500 रुपये के नोटों में थी.
फिलहाल पीयूष जैन को हिरासत में लेने के बाद अब आयकर विभाग की नजर उसके करीबियों पर है. बताया जा रहा है कि जैन के घर में सिर्फ पैसा रखा गया है. पान मसाला से जुड़े व्यापारियों ने जैन के घर को पैसों का वेयरहाउस बना दिया था. घर में अरबों रुपये लेकर बैठे परफ्यूम व्यवसायी पीयूष जैन के करीबी कारोबारियों से भी पूछताछ की तैयारी है और डीजीजीआई के रडार पर आधा दर्जन व्यवसायी हैं. पीयूष के घर से मिले नोटों के बंडल को लेकर नई जानकारी सामने आ रही है. बताया जा रहा था कि यहां पर हर बंडल एक करोड़ की पैकिंग का है. लेकिन वहां पर केवल 40 करोड़ रुपये के बंडलों में समान नोट मिले हैं. बाकी बंडलों से प्राप्त राशि में रकम समान नहीं है. यानी कुछ बंडलों में 27.30 लाख तो कुछ में 33.10 लाख रुपये हैं. इसका अर्थ साफ है कि नोट और उसके मालिक की पहचान के लिए ऐसा किया गया है. ताकि रकम के आधार पर पहचान की जा सके.