![बिजनेसमैन गिरफ्तार, माओवादियों के साथ सांठगांठ का आरोप बिजनेसमैन गिरफ्तार, माओवादियों के साथ सांठगांठ का आरोप](https://jantaserishta.com/h-upload/2022/01/19/1466011-brek.webp)
झारखंड। झारखंड के माओवादियों को बंगाल से आर्थिक मदद मिलने का आरोप लगा है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने माओवादियों (NIA Naxalite) को आर्थिक मदद करने के एक बिजनेसमैन को कोलकाता (Kolkata Businessman) से गिरफ्तार किया है. एनआईए की रांची टीम ने मंगलवार की रात को कोलकाता से एक कारोबारी को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी का नाम महेश अग्रवाल है. सूत्रों के मुताबिक महेश अग्रवाल को मंगलवार रात को दक्षिण कोलकाता से गिरफ्तार किया गया. जांचकर्ता काफी समय से उसकी तलाश कर रहे थे. संदिग्ध को ट्रांजिट रिमांड के लिए बुधवार को कोलकाता की एक विशेष एनआईए अदालत में ले जाया जाएगा.
जांचकर्ता गिरफ्तार महेश अग्रवाल को रांची ले जाना चाहते हैं. वे उससे वहां पूछताछ करना चाहते हैं. जांचकर्ता जानना चाहते हैं कि इसमें और कौन शामिल था, उसने पैसा कहां मुहैया कराया और उसने कितना पैसा दिया. एनआईए आरोपी को पूछताछ के लिए रांची ले जाना चाहती है. सूत्रों ने कहा कि व्यवसायी के खिलाफ सबूत हैं कि वह माओवादियों की मदद कर रहा था. सूत्रों के अनुसार रांची एनआईए के अधिकारी एक माओवादी संगठन के खिलाफ जांच कर रहे थे. जांचकर्ताओं ने वहां मनी ट्रेल पाया. तभी उन्हें पता चला कि कोलकाता के एक बिजनेसमैन के पास से पैसा गया है. वे लंबे समय से इस व्यापारी की तलाश कर रहे थे. उन्होंने कोलकाता एनआईए की टीम की मदद से बुधवार को दक्षिण कोलकाता में तलाशी ली. कारोबारी को दक्षिण कोलकाता से गिरफ्तार किया गया. जांचकर्ता यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि टेरर फंडेड कितना पैसा है. बता दें कि हाल में एनआईए ने टेरर फंडिंग मामले और नक्सली हमला के मामले में एनआईए ने झारखंड के नौ बड़े नक्सलियों पर कुल 28.50 लाख रुपया का इनाम घोषित किया है. वहीं दूसरी ओर, कोलकाता में प्रबीर महतो की हत्या के मामले में नक्सली नेता छत्रधर महतो के खिलाफ एनआईए ने चार्जशीट दायर किया.
महेश अग्रवाल ने आतंकवादी संगठन को आर्थिक रूप से समर्थन क्यों दिया? किसी दबाव का सामना करना पड़ा या वह खुद उग्रवादी संगठन से जुड़ा है? जांचकर्ता जानना चाहते हैं. कितने प्वॉइंट में कितना पैसा दिया गया है, यह भी पता चल जाएगा. इससे पहले एनआईए ने एक माओवादी नेता को हुगली से गिरफ्तार किया था. मनोज चौधरी नाम के शख्स पर टेरर फंडिंग के भी आरोप लगे थे. वह पिछले तीन साल से माओवादियों को धन मुहैया कराने से लेकर हथियारों की तस्करी जैसे विभिन्न आरोपों में वांछित है. मनोज चौधरी पर झारखंड के गिरिडीह से भारी मात्रा में हथियार बरामद करने के मामले में शामिल होने का आरोप था.