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बुलेट ट्रेन परियोजना में चोरों की सेंध, 2 लोग दबोचे गए

jantaserishta.com
6 April 2022 11:32 AM GMT
बुलेट ट्रेन परियोजना में चोरों की सेंध, 2 लोग दबोचे गए
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नवसारी: भारत सरकार की महत्वाकांक्षी हाई स्पीड बुलेट ट्रेन परियोजना में चोरों ने सेंध लगा दी है. नवसारी जिले के नसीलपुर गांव के पास चल रहे प्रोजेक्ट में सेक्शन-2 से पिछले 12 दिनों से चोर लोहे और स्टील के सामानों की चोरी कर रहे थे. शिकायत के बाद नवसारी ग्रामीण पुलिस एक्टिव हुई और लोहे के प्लेट और अन्य सामान चुराने वाले गिरोह के दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया. बता दें कि ये प्रोजेक्ट पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है.

दक्षिण गुजरात में अहमदाबाद-मुंबई हाई स्पीड बुलेट ट्रेन का काम फिलहाल जोरों पर है, नवसारी के पडघा, नसीलपुर, कछोल में बुलेट ट्रेन परियोजना का काम चल रहा है. यहां पिल्लर को खड़ा करने और उन पर गर्डर लगाने का काम किया जा रहा है. प्रोजेक्ट के निर्माणस्थल से 23 मार्च से अब तक लोहे की प्लेट, एंगल, रॉड, स्टील पॉप प्लेट, कप लॉक, स्टील चैनल की बड़े पैमाने पर चोरी की जा रही थी.
प्रोजेक्ट स्थल पर काम कर रहे एक कर्मचारी ने एक टैंपो और एक सफेद रंग की कार में कुछ अज्ञात लोगों को देखा. अज्ञात लोगों ने निर्माणस्थल से लोहे के चैनल और TMT रॉड चुरा कर उन्हें टैंपो में लोड कर दिया, लेकिन जैसे ही उन्होंने कर्मचारी को देखा, टैंपो छोड़कर कार में सवार हुए और वहां से भाग निकले. इसके बाद कर्मचारी ने अधिकारियों को इसकी जानकारी दी.
घटना को लेकर नवसारी ग्रामीण थाने में शिकायत दर्ज की गई. पुलिस ने मोके से टैंपो जब्त कर चोरों का पता लगाने का प्रयास किया. इस दौरान नसीलपुर गांव के पास स्क्रेप का कारोबार करने वाले मोहम्मद मूसा रावत और इमरान शेख को गिरफ्तार किया, जिन्होंने पूछताछ के दौरान चोरी का गुनाह कबूल लिया.
पुलिस की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी पिछले 12 दिनों में अब तक कुल 12.5 लाख रुपये के लोहे के सामान की चोरी कर चुके हैं. फिलहाल, पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ में जुटी हुई है.
बता दें कि देश की ये पहली बुलेट ट्रेन 12 स्टेशनों पर रुकने वाली है और महाराष्ट्र, दादरा, नागर हवेली और गुजरात से होते हुए गुजरेगी. लेकिन महाराष्ट्र सरकार की तरफ से इस प्रोजेक्ट में खास दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है. इसी वजह से वहां अभी तक जमीन अधिग्रहण का काम भी पूरा नहीं किया गया है. लेकिन फिर भी उम्मीद जताई जा रही है कि 2023 तक इस परियोजना को पूरा कर लिया जाएगा.
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