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बंगला नंबर 235...दिखी बस पुलिस और सिर्फ पुलिस...रहस्य जानकर हैरान रह जाएंगे
jantaserishta.com
1 Jan 2022 6:06 AM GMT
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जानें पूरा मामला।
मेरठ: ये कहानी है मेरठ के बंगला नंबर 235 की. इस बंगले पर अब पुलिस का नगाड़ा बजाकर बड़ा एक्शन हुआ है, जिस बंगले की तरफ सामान्य लोग निगाह उठाकर नहीं देख सकते थे. शुक्रवार को उस बंगले के अंदर नज़र आ रही थी तो पुलिस और सिर्फ पुलिस...
आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कौन सा बंगला है जिसके अंदर 16-16 टायर वाले ट्रक तक दाखिल हो जाया करते थे. लेकिन जनाब ये सच है मेरठ का बंगला नंबर 235 आजकल ख़ासा चर्चा का विषय बना हुआ है. आज जब इस बंगले के अंदर पुलिस दाखिल हुई तो वो भी सन्न रह गई. ये बंगला है चोर बाज़ार के रूप में कुख्यात रहे सोतीगंज के एक कबाड़ी की.
न्यूज़ 18 की रिपोर्ट के मुताबिक कबाड़ी हाजी नईम उर्फ गल्ला के बंगला नंबर 235 ने आज काला सच उगला. तकरीबन 15 करोड़ के इस बंगले के राज़ का खुलासा एएसपी सूरज राय ने किया तो हैरान करने वाला सच सामने आया. एएसपी सूरज राय ने बताया कि ये बंगला कबाड़ी हाजी नईम उर्फ गल्ला के नाम पर पंद्रह साल से पंजीकृत है. आज इस बंगले को भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में कुर्क कर लिया गया.
बताया गया कि बंगला नंबर 235 का एक भाग चोरी के वाहन कटान का मुख्य केंद्र था. इस बंगले के गेट ऐसे डिजा़इन किए गए थे कि ट्रक और सोलह पहिया वाहन आसानी से दाखिल हो जाते थे. बंगले का गेट इतना बड़ा है कि बड़े से बड़ा वाहन आसानी से अंदर दाखिल हो जाया करता था. लेकिन इस गेट के अंदर दाखिल होने में पुलिस को ख़ासी मशक्कत करनी पड़ी.
जैसे ही पुलिस गेट के अंदर दाखिल हुई तो चारों तरफ सिर्फ और सिर्फ वाहनों के पुर्जे़ देखकर पुलिस भी दंग रह गई. एएसपी सूरज राय भी यहां की तस्वीर देखकर चौंक गए. बंगले के अंदर दाखिल होते ऐसा लगा जैसे हम किसी जंगल में दाखिल हो गए हों. बंगले के अंदर मौजूद वाहनों के पुर्ज़े-पुर्जे़ चीख चीखकर गवाही दे रहे हैं कि यहां क्या काम हो रहा था.
वहीं इलाके के लोग पुलिसिया कार्रवाई से ख़ुश हैं. बंगले के पास ही रहने वाली एक महिला ने बताया कि दिन-रात यहां वाहनों का आना जाना लगा रहता था. महिला ने बताया कि 24 घंटे इस बंगले के अंदर से वाहनों की ख़टर पटर सुनाई देती रहती थी. इस महिला ने बताया कि अब बरसों बाद उन्हें चैन की नींद आनी शुरू हुई है.
एएसपी सूरज राय ने बताया कि अपराध के बल पर इस बंगले को अर्जित किया गया था और आज विधिक कार्रवाई करते हुए धारा 14 ए के अंतर्गत संपत्ति का ज़ब्तीकरण हुआ है. उन्होंने बताया कि पंद्रह साल से बंगला नम्बर 235 की संपत्ति अभियुक्त के नाम दर्ज थी. उन्होंने बताया कि कैंट बोर्ड के अभिलेखों में हाजी नईम के नाम से संपत्ति पंजीकृत थी.
सूरज राय ने बताया कि हाजी गल्ला पर गैंगस्टर एक्ट और विभिन्न थानों में 35 मुकदमें दर्ज हैं. दो ह़जार वर्ग मीटर की संपत्ति की बाज़ारी कीमत पंद्रह करोड़ रुपए है. और अब तक कबाड़ियों की सत्तर करोड़ रुपए की संपत्ति हो कुर्क हो चुकी है. वाकई में इस बंगले के काले रहस्य को जानकर हर कोई हैरान है.
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