सांकेतिक तस्वीर
यूपी। अयोध्या में निर्माणाधीन श्री राम मंदिर के कपाट 2024 में दर्शनार्थियों के लिए खुल जाएंगे. जबकि 2025 तक भव्य और दिव्य श्री राम मंदिर पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा. ऐसे में लाखों श्रद्धालुओं का प्रतिदिन अयोध्या में जमावड़ा लगा रहेगा. जिसको देखते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से विकसित किया जा रहा है. इसी के क्रम में अयोध्या की संकरी गलियों और सड़कों को चौड़ीकरण किया जाना है. चौड़ीकरण की जद में आने वाली दुकानों और मकानों को चिन्हित कर निशान लगाया जा चुका है. ऐसे दुकानदारों और भवन मालिकों में से अधिकांश को मुआवजा भी मिल चुका है. शेष से इसके लिए संपर्क किया जा रहा है.
लिहाजा अब प्रशासन ने बाकायदा हूटर लगी सरकारी गाड़ी से मुनादी कराकर ऐसे भवन और दुकान मालिकों को 3 दिन का समय दिया है, इसमें कहा गया है कि निर्धारित समय तक खाली कर दें, नहीं तो मकान-दुकान को ध्वस्त कर दिया जाएगा. लेकिन मुआवजा मिलने के बाद भी व्यापारियों में नाराजगी है. अयोध्या के नए घाट से लेकर सहादतगंज और श्री राम जन्म भूमि तक जाने वाली सभी सड़कों का चौड़ीकरण किया जाना है. इसकी जद में तमाम मंदिर, मकान, भवन और दुकान आ रहे हैं. सड़क चौड़ीकरण के हिसाब से इसका चिन्हीकरण कर नोटिस दिया जा चुका है. शुरुआती दौर में सबसे पहले अयोध्या के श्रृंगारहाट से लेकर श्री राम जन्मभूमि तक की सड़क का चौड़ीकरण किया जाना है. दोनों तरफ की दुकानें होने के कारण यह सड़क अपेक्षाकृत बहुत संकरी है. लेकिन नोटिस और मुआवजे के बाद भी जब सड़क चौड़ीकरण के दायरे में आने वाली दुकानों और मकानों को खाली नहीं किया जा रहा है, तो प्रशासन ने उन्हें 13 जुलाई तक का समय दिया है. मुनादी में सीधे तौर पर कहा गया है कि 13 जुलाई तक खाली कर दो नहीं तो ध्वस्त कर दिया जाएगा.
व्यापारियों के विरोध की वजह मुआवजे की राशि नहीं, बल्कि कुछ और है. दुकानदारों की मानें तो जब सड़क चौड़ीकरण के दायरे में आने के बाद चिन्हीकरण हुआ था तो उन्हें यह आश्वासन दिया गया था कि प्रभावित क्षेत्र को छोड़कर दुकानदार पीछे हटकर दुकान बना सकते हैं. लेकिन जब दुकानदारों ने पीछे हटकर दुकान बनाने की कोशिश की तो भवन मालिकों ने सीधे तौर पर उन्हें ऐसा करने से रोक दिया. इसी को लेकर दुकानदारों में विरोध है. साथ ही उनका आरोप है कि उन्हें जबरन हटाया जा रहा है. बिना उचित प्रबंध किए उनका उत्पीड़न हो रहा है, जिससे उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है.
अयोध्या के जिलाधिकरी नीतीश कुमार कहते हैं कि सड़क चौड़ीकरण के दायरे में आने वाले किसी भी दुकानदार या भवन मालिक का उत्पीड़न नहीं होने देंगे. सभी को पर्याप्त मुआवजा दिया जा रहा है और सरकार अपने स्तर पर आसपास जो दुकानें बन रही हैं, उसमें इन सभी को प्राथमिकता दी जाएगी. अयोध्या में मुआवजे के साथ उनके रोजगार के लिए स्थान भी मुहैया कराया जाएगा और पूरी कोशिश रहेगी कि किसी को कोई परेशानी न हो.