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बुलडोजर एक्शन: सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया, आरोपी होने या दोषी ठहराए जाने पर भी घर तोड़ना सही नहीं
jantaserishta.com
13 Nov 2024 5:28 AM GMT
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर बुधवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि यह कानून का उल्लंघन है. किसी मामले पर आरोपी होने या दोषी ठहराए जाने पर भी घर तोड़ना सही नहीं है.
कोर्ट ने कहा कि कानून का राज होना चाहिए. बुलडोजर एक्शन पक्षपातपूर्ण नहीं हो सकता. गलत तरीके से घर तोड़ने पर मुआवजा मिलना चाहिए. जिम्मेदार अधिकारियों को छोड़ा नहीं जाना चाहिए. हमने सभी पक्षों को सुनने के बाद आदेश दिया है. हमने विशेषज्ञों के सुझावों पर विचार किया है.
अदालत ने कहा कि मनमाना रवैया बर्दाश्त नही होगा. अधिकारी मनमाने तरीके से काम नहीं कर सकते. बगैर सुनवाई दोषी करार नहीं दिया जा सकता.
कोर्ट ने इससे पहले फैसला पढ़ते हुए कहा था कि घर एक सपने की तरह होता है. किसी का घर उसकी अंतिम सुरक्षा होती है. आरोपी के मामले में पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं हो सकते. सरकारी शक्तियों का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए. अपराध की सजा घर तोड़ना नहीं है. किसी भी आरोपी का घर नहीं गिरा सकते.
Supreme Court holds that the state and its officials can't take arbitrary and excessive measures. Supreme Court says the executive can't declare a person guilty and can't become a judge and decide to demolish the property of an accused person. https://t.co/ObSECsK3cv
— ANI (@ANI) November 13, 2024
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