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जहांगीरपुरी: हनुमान जयंती के मौके पर दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा और उसके बाद अवैध अतिक्रमण पर चले बुलडोजर से स्थानीय लोग घबरा गए हैं. बुधवार देर शाम स्थानीय लोगों ने खुद मंदिर का अतिक्रमण हटाने का काम शुरू कर दिया है. स्थानीय निवासी और मंदिर प्रशासन के लोगों ने सड़क किनारे मंदिर की जालियों को हटाने के लिए मजदूरों को लगाया है.
दरअसल, बुलडोजर की कार्रवाई के बाद राजनीतिक दल लगातार सवाल उठा रहे थे कि दिल्ली एमसीडी ने सिर्फ मस्जिद के सामने वाली दुकानों को क्या तोड़ा?
क्या है पूरा मामला?
हनुमान जयंती के मौके पर शोभायात्रा पर पथराव होने के बाद सुर्खियों में आए जहांगीरपुरी में नगर निगम की टीम अवैध कब्जों पर कार्रवाई की. इस दौरान कई बुलडोजर ने कार्रवाई करते हुए अवैध अतिक्रमण को गिराया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस कार्रवाई पर यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश जारी किया था, जिसके दो घंटे बाद भी तोड़फोड़ चलता रहा. यह कार्रवाई तब रुकी जब वृंदा करात कोर्ट का ऑर्डर लेकर जहांगीरपुरी पहुंचीं.
ओवैसी ने जाहिर की थी नाराजगी
दिल्ली के जहांगीरपुरी में अवैध मकानों को हटाने के लिए चले बुलडोजर पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भारी नाराजगी जताई है. ओवैसी ने कहा कि अगर वो(दुकान और मकान) अनाधिकृत थे तो 7 साल से बीजेपी की सरकार क्यों सो रही थी? आपने(सरकार) एक समुदाय को निशाना बनाकर उनकी दुकान और घर को नुकसान पहुंचाया है. कौन अपराधी है यह कोर्ट फैसला करेगा.आपने मस्जिद के सामने की दुकानों को तोड़ दिया लेकिन मंदिर के सामने की दुकान को क्यों नहीं तोड़ा. ये एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है. मैं इसकी निंदा करता हूं. मैं कोर्ट का शुक्रगुजार हूं कि उसने इस पर रोक लगाई.
jantaserishta.com
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