ग्रेटर नॉएडा अथॉरिटी की आँखों के सामने बिल्डर और भूमाफियाओ ने हजारों करोड़ रुपये की जमीन हड़पी
नॉएडा ब्रेकिंग न्यूज़: ग्रेटर नोएडा वेस्ट एरिया में किसानों के लिए कृषि फार्म योजना निकाली गयी थी। यह जमीन खेती और पशुपालन करने के लिए आवंटित की जानी थी। यह स्कीम फ्लॉप होने के बाद इस जमीन पर काॅलोनाईजर और प्राइवेट बिल्डरों ने कब्जा कर लिया है। अवैध काॅलोनी और फ्लैट बनाने में लगे हुए हैं। अथाॅरिटी की ओर से जमीन पर निगरानी रखने के लिए तैनात डिविजन-3 के जेई और टेक्नीकल सुपरवाइजर महाभारत के धृतराष्ट व गांधारी बन गए हैं। कोई अंधा है तो कोई आंखों पट्टी बांधकर बैठा है।
फार्म हाउस और डेयरी स्कीम हुई फ्लॉप
इस स्कीम के लिए बिसरख जलालपुर के किसानों से ग्रेटर नोएडा अथाॅरिटी ने सीधे बैनामा करके जमीन खरीदी थी। करीब दो हजार करोड़ रुपये की यह जमीन अब अथाॅरिटी के हाथों से निकल गई है। बिसरख जलालपुर गांव में हिंडन नदी और बांध के बीच काॅलोनी काटी जा रही हैं। अथाॅरिटी की डिविजन-3 के जेई और टेक्नीकल सुपरवाइजर का किसी न किसी तरह पूरा सहयोग इस अवैध कोलोनाइजेशन को मिला रहा है। यदि इस जमीन पर लाई गई योजना फ्लॉप हो गई थी तो जमीन पर कब्जा न होने पाए, इसकी पूरी जिम्मेदारी जेई और टेक्नीकल सुपरवाइजर की है।
107 किसानों से खरीदी गई जमीन
यह जमीन सबसे पहले वर्ष 2001 में बैनामे से रामगोपाल से खरीदने की शुरूआत की गयी थी। इसके बाद लच्छू सिंह, खजान सिंह, मूलचंद, जगदीश, कर्मवीर, अमित कुमार, रविद्र सिंह, रोहताश, रेशमा, रविद्र सिंह, रेशम पत्नी नानक, पैमी, इंद्रपाल, रामभूल, जयपाल, करन सिंह, राजेंद्र , प्रमोद, सुमन, गुलाब सिंह, कालू, उदय सिंह समेत 107 किसानों से सीधे बैनामा से 18 जुलाई 2016 तक खरीदी गई।
भूखंडों का न्यूतम एरिया 25 एकड़
इसके बाद इस जमीन पर किसान के लिए फार्म हाउस स्कीम निकाली गई। इस स्कीम में डेरी फार्म, केवल दूधारू पशुओं के लिए बाड़े, ऐरोमैटिक पौधों की खेती, औरगेनिक फल-सब्जी की खेती, उद्यानीकरण और फ्लोरीकल्चर की खेती करनी थी। यह जमीन 90 साल के पट्टों पर दी जानी थी। भूखंडों का न्यूतम एरिया 25 एकड़ रखा गया था, लेकिन अब इस जमीन पर पूरी तरह अतिक्रमण करके काॅलोनी और फ्लैट बन रहे हैं। डिविजन-3 के जेई और टैक्निकल सुपरवाइजर आंखों पर पट्टी बांधकर बैठे हुए हैं।