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बिल्डर वॉयस क्लोनिंग का शिकार, साइबर ठगों ने 50 लाख से ज्यादा ऐंठे

jantaserishta.com
10 March 2024 9:34 AM GMT
बिल्डर वॉयस क्लोनिंग का शिकार, साइबर ठगों ने 50 लाख से ज्यादा ऐंठे
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सांकेतिक तस्वीर

पुलिस का कहना है कि ठग जल्द गिरफ्तार होगा.
मुंबई: आधुनिक होती तकनीक के साथ ठग भी स्मार्ट होते जा रहे हैं. ठगी के परंपरागत तरीकों को छोड़कर ऑनलाइन लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. इनमें सबसे खतरनाक वॉयस क्लोनिंग माना जा रहा है, जिससे ज्यादातर लोग अनजान हैं. वॉयस क्लोनिंग के जरिए ठगी के मामलों में ठग किसी नजदीकी रिश्तेदार या जानकार की आवाज कॉल करके मदद की मांग करते हैं. कॉल करके मुसीबत में फंसे होने की बात कहकर पैसों की डिमांड करते हैं. ज्यादातर लोग डरकर उनकी जाल में फंस जाते हैं. इस तरह लाखों रुपए गंवा बैठते हैं.
इसी तरह का एक सनसनीखेज मामला नवी मुंबई में सामने आया है. यहां साइबर ठगों ने वॉयस क्लोनिंग के जरिए एक बिल्डर से 60.6 लाख रुपए ठग लिए. पीड़िता बिल्डर की शिकायत के आधार पर पुलिस ने शनिवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (विश्वासघात), 419, 420 (धोखाधड़ी) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है. साइबर पुलिस स्टेशन इस मामले की जांच कर रहा है. इस केस में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. पुलिस का कहना है कि ठग जल्द गिरफ्तार होगा.
वरिष्ठ निरीक्षक गजानन कदम ने कहा कि शिकायतकर्ता का आरोप है कि उनके कार्यालय में 6 मार्च को एक कॉल आया. कॉलर ने वॉयस क्लोनिंग के जरिए उनकी आवाज में उनके अकाउंटेंट से बातचीत की थी. उसने इस दौरान अकाउंटेंट का मोबाइल नंबर हासिल कर लिया. इसके बाद उसे व्हाट्सएप पर एक संदेश भेजा. इस में ऑनलाइन लेनदेन के लिए एक बैंक विवरण भेजा और उसे 60.6 लाख रुपए ट्रांसफर करने के लिए कहा. अकाउंटेंट को शुरू में अजीब तो लगा, लेकिन बॉस जैसी आवाज सुनकर भरोसा हो गया और पैसे ट्रांसफर कर दिए.
बताते चलें कि देश में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहे हैं. जागरूकता के अभाव और लालच की वजह से लोग बड़ी संख्या में साइबर ठगी के शिकार बन रहे हैं. एनसीआरबी की रिपोर्ट की माने तो देश में साल 2022 में साइबर क्राइम के 65893 मामले दर्ज किए गए हैं. साल 2021 के मुकाबले 2022 में साइबर ठगी के मामलों में 25 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है. साइबर अपराध लोगों के साथ ही पॉलिसी मेकर्स के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है. देश के हर राज्य में साइबर अपराधी आम से लेकर खास लोगों तक को अपना शिकार बना रहे हैं.
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