भारत

ITI बीएचयू में हिंदी में होगी बीटेक की पढ़ाई, निदेशक ने कहा- 'मातृभाषा का होगा सम्मान'

Deepa Sahu
1 Sep 2021 4:00 PM GMT
ITI बीएचयू में हिंदी में होगी बीटेक की पढ़ाई, निदेशक ने कहा- मातृभाषा का होगा सम्मान
x
आईआईटी बीएचयू में बीटेक प्रथम वर्ष की पढ़ाई अब हिंदी माध्यम से कराई जाएगी।

आईआईटी बीएचयू में बीटेक प्रथम वर्ष की पढ़ाई अब हिंदी माध्यम से कराई जाएगी। संस्थान की ओर से इस दिशा में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इस तरह की नई पहल करने वाला आईआईटी बीएचयू पहला संस्थान हैं। बुधवार को हिंदी पखवाड़े के शुभारंभ अवसर पर आईआईटी बीएचयू के निदेशक और राजभाषा समिति के अध्यक्ष प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने इसकी घोषणा की।

आईआईटी बीएचयू में हर साल देश के विभिन्न स्थानों से बड़ी संख्या में विद्यार्थी प्रवेश लेते हैं। यहां हिंदी माध्यम से पढ़ाई कराने के फैसले के बाद अब इससे जुड़ी औपचारिकताओं को भी पूरा कराए जाने की दिशा में कदम आगे बढ़ाया जा रहा है। संस्थान के एनी बेसेंट सभागार में आयोजित कार्यक्रम में निदेशक ने कहा कि नई शिक्षा नीति में शिक्षा का माध्यम मातृभाषा में देना है।इसके लिए आईआईटी बीएचयू हिंदी माध्यम से प्रथम वर्ष की पढ़ाई शुरू करने की तैयारी कर रहा है। उद्यमिता को बढ़ावा देना है तो संबंधित क्षेत्र की भाषा का सम्मान करना होगा। उन्होंने अधिक से अधिक हिंदी में काम करने की अपील की। संस्थान की राजभाषा कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार त्रिपाठी ने भी हिन्दी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला।
11 भारतीय भाषाओं में कर सकेंगे बीटेक की पढ़ाई
पखवाड़ा समिति के अध्यक्ष आचार्य संजय कुमार पांडेय ने हिन्दी पखवाड़ा के उद्देश्य और कुलसचिव राजन श्रीवास्तव ने वर्ष 2020-21 में संस्थान में हिन्दी में किये गए कार्यों और उपलब्धियों से अवगत कराया। अतिथियों का स्वागत प्रो. सुशांत श्रीवास्तव, संचालन और धन्यवाद ज्ञापन गंगेश शाह गोंडवाना ने किया। कार्यक्रम में अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
बता दें कि देश में आई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्थानीय भारतीय भाषाओं में पढ़ाई पर जोर दिया गया है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने नए शैक्षणिक सत्र से हिंदी सहित आठ भारतीय भाषाओं में इसे पढ़ाने की मंजूरी दे दी है।
आने वाले दिनों में एआइसीटीई की योजना करीब 11 भारतीय भाषाओं में इसे पढ़ाने की है। इस बीच हिंदी के साथ इसे जिन अन्य सात भारतीय भाषाओं में पढ़ाने की मंजूरी दी गई है, उनमें मराठी, बंगाली, तेलुगु, तमिल, गुजराती, कन्नड़ और मलयालम शामिल हैं।
Next Story