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नौकरी के नाम पर हैवानियत: लड़कियों को बनाया बंधक, अय्याशी गैंग का गंदा खेल
jantaserishta.com
18 Jun 2024 2:52 AM GMT
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सांकेतिक तस्वीर
शोषण और मारपीट के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
मुजफ्फरपुर: बिहार में नौकरी के नाम पर नेटवर्किंग कंपनी द्वारा लड़कियों का शारीरिक शोषण किया गया। मुजफ्फरपुर के अहियारपुर में बखरी स्थित कंपनी के कार्यालय में पुलिस ने सोमवार को छापेमारी कर आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया है। कंपनी का नाम डीबीआर यूनिक नेटवर्किंग है। इसके संचालक और अन्य कर्मियों ने 100 से ज्यादा लड़कियों का शोषण किया। टारगेट पूरा करने के लिए उन्हें बंधक बनाकर बेल्ट से पीटा जाता और सिगरेट से शरीर को दागा भी गया। उनके साथ रेप भी किया गया। शोषण और मारपीट के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
वायरल वीडियो में नेटवर्किंग कंपनी का संचालक और अन्य सहयोगी लड़कियों के साथ हैवानियत की सारी हदें पार करते दिख रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि लड़कियों को बेल्ट से पीटा जा रहा है। यह वीडियो हाजीपुर और पटना सेंटर का बताया जा रहा है। हालांकि, इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि ‘हम’ नहीं करते है।
वायरल वीडियो में दिख रहा है कि एक कमरे में कई लोग बैठे हैं। इसमें युवक-युवती भी हैं। साथ ही नेटवर्किंग कंपनी का संचालक भी है। किसी बात को लेकर सभी में बातचीत हो रही है। अचानक नेटवर्किंग सेंटर का संचालक लड़की के साथ मारपीट करने लगता है। उनके साथ गाली-गलौज करने लगता है। उसके बाल पकड़ उसकी पिटाई करता है। उस कमरे में बैठा एक युवक उसे छोड़ने की बात करता है तो वे लोग उसे भी कई थप्पड़ जड़ देते हैं। वहीं, दूसरे वीडियो में आरोपी संचालक एक युवती को बेल्ट से पीटते दिख रहा है। साथ ही कमरे में बैठी दूसरी युवतियों से गाली-गलौज कर रहा है।
अहियापुर में चल रही नेटवर्किंग कंपनी डीबीआर यूनिक में शोषण की कहानी मुजफ्फरपुर के चर्चित बालिकागृह कांड की तरह ही घिनौनी है। फर्क सिर्फ इतना है कि वहां बेसहारा बेटियों से बर्बरता की गई और यहां नेटवर्किंग कंपनी ने गांव की गरीब और भोली-भली लड़कियों को शिकार बनाया। पहले सुनहरे भविष्य का सपना दिखाकर फांसा, अच्छी कमाई का झांसा दिया, फिर टारगेट पूरा करने का दबाव और विरोध करने पर प्रताड़ना व शारीरिक शोषण का दौर शुरू हुआ। पीड़ित बेटियों से हुई बर्बरता की कहानी जैसे-जैसे सामने आ रही है, नेटवर्किंग कंपनियों के नाम पर हो रही हैवानियत की कलई भी खुलती जा रही है।
नेटवर्किंग कंपनी ने पीड़ितों को अलग-अलग जगह बुलाकर पहले इंटरव्यू लिया गया। फिर सेलेक्ट होने की सूचना देते हुए ट्रेनिंग के लिए 25-25 हजार रुपये लिए गए। ट्रेनिंग में जाने पर कम से कम दो और लोगों को जोड़ने का टास्क दिया गया। इसके बाद इनकी पोस्टिंग दूसरे जिलों में की गई, जहां इन्हें पहचानने वाला और मदद करने वाला कोई न हो।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, मुजफ्फरपुर के अलावा कई जिलों में नेटवर्किंग कंपनी के खिलाफ एक दर्जन से अधिक केस दर्ज हैं। अधिकतर मामलों में पुलिस जांच शिथिल है। रक्सौल, के खबड़ा और हाजीपुर में नेटवर्किंग कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज है। यहां से बिहार के अलावा नेपाल, झारखंड और बंगाल की लड़कियों को मुक्त भी कराया गया है।
सारण की एक पीड़िता ने एफआईआर में बताया गया है कि आरोपी संचालक ने उसको तीन बार गर्भवती किया। तीनों बार उसका गोली खिलाकर गर्भपात कराया। घर जाने के नाम पर भाई और उसकी हत्या करने की धमकी देने की बात कही। आरोपी ने उनके भाई और परिवार के अन्य लोगों को अगवा कर हत्या कराने की धमकी दी थी।
सारण की पीड़िता 2022 में सारण एवं गोपालगंज से 53 लड़के-लड़कियों संग मुजफ्फरपुर आई थी। इसमें कुछ लड़के-लड़कियों को दूसरे सेंटर पर भेजा गया। यहां दो दर्जन से अधिक लड़के और लड़कियों को प्रशिक्षण के नाम पर रखा गया। इस दौरान उसकी जबरदस्ती शादी कराई गई। साथ ही नशीली दवा खिलाकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया गया।
हैवानियत की सारी हदें पार होने के बावजूद दूसरे जिले में बंधक पड़े इन लड़के-लड़कियों ने आवाज उठाने से परहेज किया। यह सब सहने के पीछे एक बड़ा कारण इन्हें दिखाया गया रंगीन सपना था कि एक दिन वह अमीरों की कतार में खड़े होंगे। दिन पर दिन कंपनी टास्क बढ़ाती चली जा रही है और टारगेट पूरा न होने के नाम पर इनके वेतन का भुगतान भी नहीं हो रहा था।
अहियापुर में चल रही नेटवर्किंग कंपनी का संचालक नोएडा से इसका संचालन करता है। एफआईआर के अनुसार नेटवर्क कंपनी का संचालक मनीष सिन्हा मूल रूप से गोपालगंज जिले के कररिया का रहने वाला है। वर्तमान में वह नोएडा सेक्टर 2 में रहता है। बताते हैं कि वहीं से उसने यूपी-बिहार से नेपाल तक कंपनी की शाखाएं खोल रखी हैं।
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