भाई और भाभी की आत्महत्या का मामला, न्याय नहीं मिलने पर शख्स ने काटी उंगली
मुंबई। महाराष्ट्र के उल्हास नगर में एक शख्स ने पुलिस पर अपने भाई और भाभी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कैमरे के सामने अपनी अंगुली काट ली. इस घटना का वीडियो वायरल हो गया. शख्स ने पुलिस पर मामले की ठीक से जांच न करने का भी आरोप लगाया है.
वीडियो में धनंजय नानावरे चेतावनी देते हुए कहता दिख रहा है कि 'अगर राज्य सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो वह हर हफ्ते शरीर का एक अंग काट लेगा.' उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में एक मंत्री शामिल था और उनके भाई ने मौत से पहले उसका नाम लिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. धनंजय ने खंजर से अपनी अंगुली काटने से पहले कहा, जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता वह हर हफ्ते शरीर का एक हिस्सा काटकर सरकार को भेजेंगे.
पुलिस के मुताबिक उंगली काटने वाला शख्स अस्पताल में भर्ती है, और मामले की जांच जारी है. बता दें कि धनंजय के भाई नंदकुमार और भाभी उज्ज्वला ने पिछले महीने ठाणे जिले के उल्हासनगर शहर में कथित तौर पर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी. आत्महत्या के पहले दंपत्ति ने एक वीडियो बनाकर वायरल किया था. जिसमें उन्होंने सातारा के कुछ लोगों और अधिवक्ता का नाम लेते हुए कहा था कि यह सभी लोग उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं. जिसकी वजह से ननावरे दंपत्ति आत्महत्या करने को मजबूर हुए हैं. शख्स ने उंगली काटने का वीडियो बनाते हुए कहा कि, 'आज इस घटना को हुए बीस से ज्यादा दिन हो गये हैं मगर अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. उन्होंने अपनी ऊँगली काट कर राज्य सरकार को भेजी है और कहा है कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती वह अपने शरीर का एक एक अंग काटकर सरकार को भेजते रहेंगे.'
नंदकुमार ननावरे अपने परिवार के साथ उल्हासनगर कैंप नंबर 4 के अशेलेपाड़ा इलाके में रहते थे. करीब 20 दिन पहले ननावरे अपनी पत्नी के साथ बंगले की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली. ननावरे के पत्नी का नाम उर्मिला हैं. आत्महत्या के कुछ दिन एक वीडियो सामने आया जिसमे ननावरे बताया कि उन्हें कुछ दबंग परेशान कर रहे थे इसलिए हम आत्महत्या कर रहे है. नंदकुमार ननावरे पहले दिवंगत पूर्व विधायक ज्योति कालानी के निजी सहायक के रूप में कार्यरत थे. इसके बाद पिछले कुछ सालों से वह अंबरनाथ विधानसभा क्षेत्र के विधायक बालाजी किनिकर के निजी सहायक के रूप में काम कर रहे थे. लेकिन इस घटना के बाद डॉ. बालाजी किनिकर ने सोशल मीडिया के जरिए स्पष्ट किया कि ननावरे उनके निजी सहायक नहीं हैं.