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चीन सीमा पर बीआरओ ने शुरू किया दुनिया की सबसे ऊंची सड़क का निर्माण

Admin4
16 Aug 2023 12:52 PM GMT
चीन सीमा पर बीआरओ ने शुरू किया दुनिया की सबसे ऊंची सड़क का निर्माण
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नई दिल्ली। चीन के साथ बातचीत की मेज पर लटके लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) ने रणनीतिक 'लिकरू-मिग ला-फुकचे' सड़क पर निर्माण शुरू कर दिया है। यह सड़क 19,400 फीट ऊंचाई से होकर गुजरेगी और उमलिंग ला दर्रा को पार करते हुए दुनिया की सबसे ऊंची मोटर योग्य सड़क बन जाएगी। यह सड़क चीन सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से महज तीन किमी. दूर है। सड़क निर्माण की कमान महिला इंजीनियरों की पांच सदस्यीय टीम कर्नल पोनुंग डोमिंग के नेतृत्व में संभाल रही हैं।
बीआरओ से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि नई सड़क अपने उच्चतम बिंदु पर 19,400 फीट की ऊंचाई पर जाएगी। तैयार होने पर यह सड़क उमलिंग ला दर्रे को पार करते हुए दुनिया की सबसे ऊंची मोटर योग्य सड़क होगी। दुनिया की मौजूदा सबसे ऊंची मोटर योग्य सड़क का निर्माण भी बीआरओ ने ही किया है। दो साल पहले बीआरओ ने 19,024 फीट की ऊंचाई पर लद्दाख के उमलिंग ला में दुनिया की सबसे ऊंची मोटर योग्य सड़क का निर्माण और ब्लैकटॉपिंग करके विश्व रिकॉर्ड बनाया था, जिसे वह खुद तोड़ने को तैयार है। ख़ास बात यह है कि लिकारू-मिग ला-फुकचे सड़क का निर्माण बीआरओ की एक महिला इकाई ने शुरू किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला इंजीनियरों की पांच सदस्यीय टीम की कमान कर्नल पोनुंग डोमिंग संभाल रही हैं, जो सड़क निर्माण की निगरानी कर रही है।
अधिकारियों ने कहा कि लिकारू-मिग ला-फुकचे सड़क का निर्माण ऐसे समय में शुरू हुआ, जब लड़ाकू अभियानों का समर्थन करने के लिए लद्दाख में न्योमा उन्नत लैंडिंग ग्राउंड को अपग्रेड किया जा रहा है। न्योमा में हवाई पट्टी को सितंबर, 2009 में पुनः सक्रिय किया गया था। यह 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद दशकों तक उपयोग से बाहर थी। इससे पूर्व भारत ने नवंबर, 2008 में 13 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित फुकचे में एक हवाई पट्टी को फिर से सक्रिय किया था, जिसका चीनियों ने विरोध किया था। दरअसल, 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद दशकों तक इस हवाई पट्टी का भी उपयोग बंद हो गया था।
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