दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह अपने आवास से राउज एवेन्यू कोर्ट के लिए रवाना हुए। पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप के मामले में कोर्ट ने आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए उन्हें तलब किया है।
बता दें कि सरकार ने 6 सदस्यों का पैनल बनाया है जिसमें मैरी कॉम भी शामिल हैं। पैनल ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। हालांकि यह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई थी। महिला पहलवानों का कहना है कि पैनल की जांच पक्षपातपूर्ण रही है। 1599 पेज की चार्जशीट में 44 गवाहों और के बयान दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा 6 शिकायतकर्ताओं के भी बयान सीआरपीसी 164 के तहत दर्ज किए गए थे।
एक पहलवान ने कहा, ओवरसाइट कमिटी को बयान देने के बादभी जब मैं फेडरेशन के ऑफिस पहुंची तब भी आरोपी मुझे गलत तरीके से घूर रहे थे। उनके हावभाव से मेरे लिए असहज स्थिति बन गई। पहलवान ने कहा, जब मैं बयान दर्ज करवा रही थी तब भी बीच-बीच में वीडियो रोक दिया जाता था मैंने कमिटी से वीडियो की एक कॉपी भी मांगी थी। मुझे डर है कि पूरा बयान दर्ज ही नहीं किया गया है और इसके साथ छेड़छाड़ की गई है। दूसरी शिकायतकर्ता पहलवान ने कहा कि उन्हों डब्लूएफआई सेक्शुअल हैरसमेंट कमिटी का सदस्य बनाया गया था। लेकिन कमिटी ऐसे मामलों में उनकी सहमति नहीं लेती है। उन्होंने कहा, मुझसे कभी किसी मामले में औपचारिक संपर्क नहीं किया गया। उन्होंने कहा, बिना मेरी सहमति के मुझे कमिटी में शामिल किया गया और अब कहा जा रहा है कि मैं झूठे आरोप लगा रही हूं। उन्होंने भी आरोप लगाया कि पैनल ने उनके बयान की कॉपी उन्हें नहीं दी।
उन्होंने कहा कि मुझे शक है कि मेरे वीडियो का इस्तेमाल करके आरोपी को बचाने की कोशिश की जा सकती है। इसीलिए इसकी एक कॉपी मांगी थी। हालांकि पैनल ने मेरी मांग को मानने से इनकार कर दिया। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा गया है कि डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज के रिजल्ट संबंधित फरेंसिक लैब में जमा किए गए हैं और अभी मिले नहीं हैं। बाद में इसे भी सप्लिमेंट्री रिपोर्ट में फाइल किया जाएगा।