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CDS बिपिन रावत के साथ शहीद हुए थे ब्रिगेडियर पिता, 17 साल की आशना को क्यों बंद करना पड़ा Twitter हैंडल? अब खुद बताया कारण

jantaserishta.com
19 Dec 2021 5:03 AM GMT
CDS बिपिन रावत के साथ शहीद हुए थे ब्रिगेडियर पिता, 17 साल की आशना को क्यों बंद करना पड़ा Twitter हैंडल? अब खुद बताया कारण
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नई दिल्ली: कुन्नूर हेलिकॉप्टर हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ अपनी जान गंवाने वाले ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लिड्डर की बेटी आशना ने सोशल मीडिया पर वापसी कर ली है। उन्होंने कुछ दिन पहले अपना ट्विटर अकाउंट टेंपरेरी बंद कर दिया था। बताया जा रहा है कि उनके पिता ब्रिगेडियर लिड्डर को राजनीतिक विचारधारा के लिए सोशल मीडिया पर कथित तौर पर ट्रोल किया जा रहा था।

ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लिड्डर उन 13 सैन्य अधिकारियों में शामिल थे, जिन्होंने 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में दुर्भाग्यपूर्ण हेलिकॉप्टर दुर्घटना में अपनी जान गंवा दी थी। जब उनके परिवार के सदस्यों ने अंतिम संस्कार किया तो उनकी बेटी आशना लिड्डर की असाधारण बहादुरी की सराहना की गई। पता चला है कि 17 वर्षीय आशना ने एक कविता पुस्तक 'इन सर्च ऑफ ए टाइटल' लिखी है, जिसकी प्रस्तावना जनरल बिपिन रावत ने लिखी थी, जिन्होंने हेलिकॉप्टर दुर्घटना में भी अपनी जान गंवा दी थी। लिड्डर को कथित तौर पर उनकी राजनीतिक विचारधारा के लिए ट्रोल किया गया था और अपने पिता के अंतिम संस्कार के दिन उन्होंने अपना ट्विटर अकाउंट बंद कर दिया था।
उधर, शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी और कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम सहित कई राजनीतिक नेताओं ने ट्रोलिंग की आलोचना की। शनिवार को आशना लिड्डर ट्विटर पर वापस आ गई और कहा कि उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट को परिवार के साथ वक्त बिताने और व्याकुलता को दूर करने के लिए खुद से बंद कर दिया था। उन्होंने ट्वीट किया, "मैं पूरे राष्ट्र को धन्यवाद देती हूं, जिन्होंने मेरे पिता को खोने के लिए मेरे साथ शोक मनाया। मेरे पास सबसे बड़ी सांत्वना यह है कि यह मेरा नुकसान नहीं है, यह हमारा नुकसान है। मैंने परिवार के साथ वक्त बिताने और व्याकुलता को दूर करने के लिए अपने ट्विटर को कुछ समय के लिए बंद कर दिया था।"
आशना को प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने ट्वीट के साथ जवाब दिया। लिखा "आपकी ताकत और साहस की कामना करती हूं! चमकते रहो। आपको ट्विटर पर वापस देखकर खुशी हुई..!"
इससे पहले आशना ने कहा था कि उनके पिता सिर्फ देश के नायक नहीं उनके बहुत अच्छे दोस्त भी थे। इस दौरान आशना ने अपने पिता ब्रिगेडियर लिड्डर को एक अश्रुपूर्ण विदाई दी। उन्होंने खुशी और कृतज्ञता भी व्यक्त की कि उन्हें अपने जीवन के 17 साल अपने पिता के साथ बिताने को मिले। उन्होंने कहा, "मैं 17 साल की होनी जा रही हूं। इसलिए वो(ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लिड्डर) 17 साल तक मेरे साथ थे। मैं सुखद यादों के साथ आगे बढ़ूंगी। यह एक राष्ट्रीय क्षति है। मेरे पिता एक नायक थे, मेरे सबसे अच्छे दोस्त थे। शायद यह किस्मत में था"।
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