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ब्रिज हादसा लील गया सैकड़ों जानें, हर तरफ चीख पुकार, चश्मदीदों ने किया ये खुलासा

jantaserishta.com
31 Oct 2022 5:27 AM GMT
ब्रिज हादसा लील गया सैकड़ों जानें, हर तरफ चीख पुकार, चश्मदीदों ने किया ये खुलासा
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

141 लोगों की मौत हो गई.
मोरबी: गुजरात के मोरबी में रविवार शाम को अचानक चीख पुखार मच गई. यहां मच्छु नदी पर बने केबल ब्रिज पर परिवार के साथ समय बिताने पहुंचे लोगों की खुशियां पलभर में गम में बदल गईं. केबल ब्रिज के अचानक टूट जाने से कई लोग नदी में गिर गए. इस हादसे में 141 लोगों की मौत हो गई. हालांकि, कुछ लोगों ने ब्रिज के टूटे हिस्से पर तो कुछ ने रस्सियों से लटककर किसी तरह से अपनी जान बचाई. जबकि कुछ लोग नदी को तैरकर पार करने में सफल रहे. बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त पुल पर 400 से ज्यादा लोग मौजूद थे.
समाचार एजेंसी के मुताबिक, चश्मदीदों ने बताया कि ब्रिटिश शासन में बने करीब 140 साल पुराने ब्रिज पर बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे मौजूद थे. तभी पुल गिर गया और सभी नदी में गिरने लगे. जैसे ही पुल टूटा कुछ लोग अपनी जान बचाने के लिए नदी में कूद गए. जबकि कुछ लोग रस्सियों पर लटककर अपनी जान बचाने की कोशिश करने लगे. कुछ लोग तो तैरकर या रस्सी के सहारे बाहर निकलने में सफल भी हुए. जबकि सैकड़ों लोग नदी में समा गए.
अहमदाबाद के रहने वाले विजय गोस्वामी भी रविवार को अपने परिवार के साथ मोरबी में ब्रिज पर पहुंचे थे. लेकिन खुशकिस्मत रहे कि मौत को सामने से देखकर वापस लौट आए. विजय ने बताया कि वे परिवार के साथ ब्रिज पर जा रहे थे, तभी उन्होंने देखा कि कुछ युवा ब्रिज को हिला रहे हैं, ऐसे में उन्होंने बीच रास्ते से ही लौटने का फैसला किया. कुछ ही देर में उनका डर सही साबित हुआ और पुल गिर गया.
चश्मदीद के मुताबिक, पुल भारी भीड़ के चलते टूटा. ब्रिज टूटने के बाद लोग एक दूसरे पर गिरने लगे. बताया जा रहा है कि 100 लोगों की क्षमता वाले पुल पर करीब 300-400 लोग मौजूद थे. चश्मदीद ने बताया, मैं अपने दोस्तों के साथ नदी के किनारे घूमने आया था. तभी पुल टूटने की आवाज आई. हम सब नदी के किनारे पहुंचे और लोगों को बचाने में जुट गए. चश्मदीद ने बताया कि उसने और उसके दोस्तों ने कुछ महिलाओं और बच्चों को बचाया. इस हादसे में जख्मी एक शख्स ने बताया कि ब्रिज पर काफी भीड़ थी, तभी अचानक पुल टूट गया.
वहीं, मोरबी पुल के पास चाय बेचने वाले एक दुकानदार ने बताया कि वह यहां हर रविवार को चाय बेचने आता है. कल अचानक ये हादसा हो गया. इसके बाद लोग पुल और केबल पर लटके नजर आए. बाद में वे गिरने लगे. दुकानदार ने बताया कि उसने रेस्क्यू अभियान में प्रशासन की मदद की. दुकानदार के मुताबिक, उसने इससे पहले ऐसा कभी हादसा नहीं देखा.
दुकानदार ने बताया कि कुछ ही सेकेंड में ये सब कुछ हो गया. उन्होंने बताया कि एक 7 महीने की गर्भवती महिला की भी हादसे में मौत हो गई. इसने मुझे अंदर तक चकनाचूर कर दिया. उन्होंने कहा कि हर तरफ लोग मर रहे थे. मैं जितना कर सकता था, मैंने लोगों की मदद करने की कोशिश की. लोगों को अस्पताल तक पहुंचाया. मैंने इससे पहले ऐसा होते हुए नहीं देखा.
केबल ब्रिज 100 साल से ज्यादा पुराना बताया जा रहा है. यह ब्रिटिश शासन के दौरान बनाया गया था. राजा-महाराजाओं के समय का यह पुल ऋषिकेश के राम-झूला और लक्ष्मण झूला पुल कि तरह झूलता हुआ सा नजर आता था, इसलिए इसे झूलता पुल भी कहते थे. इसे गुजराती नव वर्ष पर महज 5 दिन पहले ही रिनोवेशन के बाद चालू किया गया था. यह पुल 7 महीने से बंद था. बताया जा रहा है कि फिटनेस सर्टिफिकेट लिए बिना ही ब्रिज को शुरू कर दिया गया था. ब्रिज पर घूमने आए लोगों को 17 रुपए का टिकट खरीदना होता था. वहीं, बच्चों के लिए 12 रुपए का टिकट अनिवार्य था.
ब्रिज का मैनेजमेंट करने वाली कंपनी पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है. जांच के लिए कमेटी बना दी गई है. कंपनी पर 304, 308 और 114 के तहत क्रिमिनल केस दर्ज किया गया है, आज से ही जांच शुरू की गई है.
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