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शादी के पहले फरार हुई दुल्हन, भाई ने गांव में निकाली शव यात्रा

Shantanu Roy
20 Jun 2023 5:14 AM GMT
शादी के पहले फरार हुई दुल्हन, भाई ने गांव में निकाली शव यात्रा
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प्रेमी संग रचाई शादी
पूर्णिया। पूर्णिया में शादी से ठीक एक दिन पहले लड़की अपने प्रेमी संग भाग गई। जिसके बाद लड़की के भाई ने अपनी बहन की कुश की अर्थी बनाई और उसका दाह संस्कार तक कर दिया। भाई का कहना है कि उसे किसी और लड़के से शादी करनी थी तो मुझे पहले बता देती। पापा के जाने के बाद मैंने कभी उनकी कमी अपनी बहनों को नहीं होने दी। मेरी बहन ने जो किया उससे समाज में मेरी प्रतिष्ठा धूमिल हुई। वो हमारे लिए मर चुकी है, इसलिए मैंने उसकी शव यात्रा निकाली। बीते 11 जून को लड़की की शादी होनेवाली थी। मेहंदी और संगीत के बाद 10 जून को हल्दी की रस्म पूरी हुई। अगले दिन लड़की लाल जोड़े में मंडप में बैठती कि इससे पहले ही हल्दी वाली रात वो प्रेमी संग फरार हो गई। शादी वाले दिन ही लड़की ने अपने प्रेमी संग मंदिर में सात फेरे तक लिए। इन सब से नाराज भाई ने बहन की कुश की अर्थी निकाली। यह अर्थी जिस रास्ते से गुजरी इसे देखने वालों का मजमा लग गया।
बहन के भागने के बाद लड़की के भाई बिहारी गुप्ता ने अपने गांव टीकापट्टी के ही अरुण मंडल के बेटे सुधांशु कुमार पर अपहरण का मामला दर्ज करवाया। एफआईआर होते ही टीकापट्टी पुलिस हरकत में आई। इधर सोमवार को लड़की दुल्हन के जोड़े में टीकापट्टी थाने में पहुंची। लड़के पर किए गए किडनैपिंग के केस को फर्जी बताते हुए कहा कि उसने अपनी मर्जी से शादी की है। शादी का जोड़ा पहने स्वीटी ने टीकापट्टी थाना पहुंचकर पुलिस को बताया है कि उसे ये शादी मंजूर नहीं थी। इसलिए उसे मजबूरन भागना पड़ा, जिस दिन उसकी शादी होनी थी। उसी दिन प्रेम प्रसंग में मंदिर में उसने अपने प्रेमी सुधांशु से शादी कर ली है।
वहीं बहन के इस फैसले से नाराज भाई ने सोमवार शाम परिजनों के साथ मिलकर पहले अपने बहन की कुश की मूर्ति तैयार की। इसके बाद इस अर्थी को कंधे पर लेकर पूरे बाजार में घुमाया। नाराज भाई ने अर्थी में बहन का फोटो भी लगा रखी थी। इतना ही नहीं हिन्दू रीति रिवाज से बहन की अर्थी को लेकर श्मशान तक गया। हिंदू रीति रिवाजों से दाह संस्कार तक कर डाला। नाराज भाई बिहारी गुप्ता का कहना है कि पिता की मौत के बाद अपनी दोनों बहनों को कभी पापा की कमी खलने नहीं दी। एक बहन की शादी हो गई थी। दूसरी की शादी भी उसकी रजामंदी के बाद ही तय की गई। उसकी बहन अगर किसी लड़के को पसंद करती थी, तो उसे शादी तय होने से पहले ही बताना चाहिए था। शादी में इतने रुपए खर्च हो गए। 11 को शादी होनी थी। इससे एक दिन पहले हल्दी के कार्यक्रम में वह भाग गई। इससे न सिर्फ पैसे बर्बाद हुए बल्कि सामाजिक प्रतिष्ठा भी धूमिल हुई। लड़के वालों से उन्हें कई बात सुननी पड़ी।
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