उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के झांसी जिले में सरकारी भ्रष्ट सिस्टम से लड़ते-लड़ते एक किसान की जान चली गई. जहां गरीब किसान अपनी जमीन माप कराने के लिए तहसील से लेकर सरकारी सिस्टम की चौखट के ऊपर दौड़ दौड़ कर थक गया. ऐसे में ना उम्मीदों के काले बादलों ने इस कदर किसान को झकझोर दिया जिसके चलते किसान ने अपने ही खेत के पेड़ में लटक कर आत्महत्या (Suicide) कर जान दे दी. ये कोई फिल्म की कहानी नहीं बल्कि बुंदेलखंड की सच्चाई है जहां किसान सरकारी सिस्टम से अपने हक के लिए लड़ते-लड़ते जान गवाते चले आ रहे हैं.
दरअसल, ये मामला मोठ तहसील के फतेहपुर स्टेट गांव का है. जहां पर एक किसान ने राजस्व विभाग द्वारा रिश्वत मांगने एवं बार-बार परेशान करने से परेशान होकर गांव के करीब एक खेत में लगे बबूल के पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. जहां 70 साल के किसान रघुवीर पाल ने खेत की हदबंदी को लेकर करीब 11 सालों से मुकदमा लड़ रहा था. वहीं, फैसला रघुवीर पाल के पक्ष में आने पर खेत की पत्थर गड्डी के लिए कई बार उसने लेखपाल, कानूनगो से कहा लेकिन अधिकारी उससे पैसे की मांग करते रहे.
जानिए क्या है पूरा मामला?
वहीं, किसान रघुवीर ने परेशान होकर तहसील दिवस, समाधान दिवस और जिले के आला अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत की. लेकिन संबंधित लेखपाल और कानूनगो उससे लगातार पैसे की मांग करते रहे. ऐसे में शनिवार 2 जुलाई को भी मोठ तहसील गया. वहां पर उसने सभी अधिकारियों से गिड़गिड़ाया कि मेरे साथ न्याय करो. जहां तहसील में मौजूद अधिकारियों ने उसे बेइज्जत कर भगा दिया. यहां तक कि उसने अधिकारियों से न्याय ना मिलने पर आत्महत्या करने की चेतावनी भी दी, लेकिन लेखपाल और कानूनगो पर कोई असर नहीं पड़ा, आखिर में रघुवीर पाल परेशान और दुखी होकर मोठ से पूंछ तक 15 किलोमीटर पैदल ही आया.