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Kota. कोटा। कोटा में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर निर्माणाधीन सुरंग का हिस्सा शनिवार रात 12 बजे ढह गई। हादसे में मलबे में दबने से एक मजदूर की मौत हो गई और तीन गंभीर घायल हो गए। हादसा रामगंजमंडी के मोड़क इलाके में बन रही टनल में हुआ। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने जांच के लिए कमेटी का गठन किया है। NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर संदीप अग्रवाल ने बताया कि हादसा टनल के बाहर के हिस्से में हुआ है। यह घटना टनल से करीब 200 मीटर पहले हुई, जहां आर्टिफिशियल टनल (कट एंड कवर) का निर्माण चल रहा था। यह टनल पूरी तरह से सीमेंट-कंक्रीट से बनाई जा रही है। मजदूर उस समय सीमेंट-कंक्रीट के लिए सरिया बांधने का काम कर रहे थे। इसी दौरान टनल का हिस्सा ढह गई। हादसे के बाद अफरा-तफरी मच गई। साथी मजदूरों ने दबे हुए मजदूरों को बाहर निकाला।
घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए मोड़क सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) ले जाया गया। जहां शमशेर सिंह रावत (33) पुत्र लछम सिंह निवासी कोथी, देहरादून (उत्तराखंड) को मृत घोषित कर दिया गया। मजदूरों ने बताया कि 10-15 लोग ड्रिलिंग का काम कर रहे थे, तभी अचानक ऊपर से पत्थर और मिट्टी ढह गई। इस घटना में चार मजदूर मलबे में दब गए, जबकि बाकी मजदूरों ने भागकर अपनी जान बचाई। मलबे का ढेर करीब पांच फीट ऊंचा था। तीन मजदूर पूरी तरह से दबे नहीं थे। उन्हें 15-20 मिनट में मलबे को हटाकर निकाल लिया गया। वहीं, शमशेर सिंह मलबे में पूरी तरह दब गया था। उसे निकालने में करीब आधे घंटे का समय लगा। जिससे उसकी मौत हो गई। हादसे में टनल ठेकेदार की लापरवाही सामने आई है। मजदूरों को बिना सुरक्षा उपकरणों के काम करवाया जा रहा था। NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर संदीप अग्रवाल ने बताया- एनएचएआई मुख्यालय ने इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी है। यह कमेटी पूरी सेफ्टी ऑडिट करेगी, जिसमें टनल विशेषज्ञ शामिल होंगे। यह कमेटी टनल निर्माण में ठेकेदार की ओर से सेफ्टी के संबंध में हुई कमियों का भी आकलन करेगी।
घटना के कारणों की गहन जांच की जा रही है। हादसा कैसे हुआ और इसके पीछे क्या कारण रहे, इन सभी पहलुओं पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। एनएचएआई के एईएन राकेश मीणा ने बताया कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर मुकुंदरा टाइगर रिजर्व (दरा) के पास आठ लेन वाली ग्रीन ओवरपास टनल बनाई जा रही है। कोटा के मुकुंदरा टाइगर रिजर्व की पहाड़ियों के नीचे 4.9 किमी लंबी सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। इस टनल के ऊपर से वन्यजीव, विशेष रूप से बाघ गुजर सकेंगे, जबकि नीचे से वाहन चलेंगे। यह टनल न केवल साउंडप्रूफ और वाटरप्रूफ होगी, बल्कि इसमें वाहनों के शोर से वन्यजीवों को कोई परेशानी नहीं होगी। यह परियोजना ऑस्ट्रेलिया की नवीनतम तकनीक से बनाई जा रही है, जिसमें सेंसर लगाए जाएंगे जो वाहनों की आवाजाही पर निगरानी रखेंगे। इस सुरंग के निर्माण में लगभग 1200 करोड़ रुपए की लागत आएगी, और इसे 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सुरंग की कुल लंबाई 4.9 किमी होगी, जिसमें 3.3 किमी का हिस्सा पहाड़ के नीचे और 1.6 किमी का हिस्सा सीमेंट से तैयार बाहरी सुरंग का होगा। टनल के डिजाइन के अनुसार, पहाड़ के नीचे दो समानांतर टनल बनाई जा रही हैं, जो एक-दूसरे के पास से गुजरेंगी। इनमें से एक टनल वाहनों के आने और दूसरी जाने के लिए होगी। प्रत्येक टनल में चार-चार लेन की सड़क होगी, जिससे कुल मिलाकर आठ लेन की ट्रैफिक सुविधा उपलब्ध होगी। यह टनल टाइगर रिजर्व से 500 मीटर पहले शुरू होगी और पहाड़ के नीचे से गुजरते हुए निकलेगी।
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Shantanu Roy
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