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Varanasi. वाराणसी। वाराणसी में गड्ढे में गिरने से 2 साल की मासूम बच्ची की मौत हो गई। बच्ची आश्रम पद्धति स्कूल के आवासीय परिसर में पालतू डॉगी के साथ खेल रही थी। चलना सीख रही बच्ची डॉगी के पीछे-पीछे चल रही थी। डॉगी सेप्टिक टैंक के पास पहुंच गया। बच्ची भी अपने छोटे-छोटे कदमों से डॉगी के पास पहुंचने की कोशिश करने लगी। वह जैसे ही सेप्टिक टैंक के पास पहुंची, अचानक पैर फिसल गया और वह टैंक में गिर गई। घटना बड़ागांव थाना क्षेत्र के सातों महुआ की है।
कुछ देर बाद जब घर वालों को बच्ची नहीं दिखी, तो सभी ने उसे ढूंढना शुरू किया। तभी चपरासी सेफ्टी टैंक के पास पहुंचा, तो उसे बच्ची का शव पानी में उतराता दिखा। उसने चिल्लाते हुए सबको आवाज दी। शोर सुनकर पहुंचा दूसरा कर्मचारी तुरंत गड्ढे में उतरा। बच्ची को बाहर निकाला और अस्पताल लेकर भागे। लेकिन, तब तक बच्ची दम तोड़ चुकी थी। आनन-फानन में घर वाले और ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। बच्ची का शव देखकर घर वाले बिलखने लगे। करीब 15-20 बच्ची गड्ढे में पड़ी रही।
बबुरी के पांडेयपुर पचोखर में रहने वाले संतोष पांडेय सातों महुआ के आश्रम पद्धति स्कूल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। वे परिवार के साथ स्कूल कैंपस में रहते हैं। उनके साथ पत्नी के अलावा मृतक बेटे विकास पांडे की पत्नी, उसका 3 साल का बेटा अनय और 2 साल की बेटी श्रीनिधि रहती थीं। शनिवार सुबह संतोष पांडेय अपनी 2 साल की पौत्री श्रीनिधि को गोद में लेकर खिला रहे थे। वह रोने लगी, तो उसे नीचे उतार दिया। इस बीच संतोष किसी काम में व्यस्त हो गए। इधर, बच्ची पालतू डॉगी के साथ खेलने लगी। इतने में डॉगी मैदान की ओर चल दिया, तो श्रीनिधि भी खेलते-खेलते पीछे चल पड़ी।
कुछ देर बाद डॉगी सेफ्टी टैंक के पास पहुंच गया। श्रीनिधि की उस पर नजर पड़ी, तो वह भी उसके पास जाने की कोशिश करने लगी। सेफ्टी टैंक के पास पहुंचते ही बच्ची का पैर फिसल गया और वह टैंक में गिर गई। सेफ्टी टैंक को ढकने के लिए सीमेंटेड पट्टी डाली गई थी। दो पट्टी के बीच गैप था। इसी खुली जगह से बच्ची सेफ्टी टैंक के अंदर गिर गई। आसपास के लोगों का कहना है कि सेफ्टी टैंक करीब 6 महीने से खुला था। कई बार कहने के बावजूद इसे बंद नहीं कराया गया। बच्ची के शव को गोद में लिए मां डिंपल कहने लगी- 2 साल से बेटी को एक पल के लिए अकेला नहीं छोड़ा। आज चंद मिनट के लिए छोड़ दिया, तो हमेशा के लिए छोड़कर चली गई। पति की मौत के बाद बेटे-बेटी के सहारे तो जिंदा थी। गुड़िया को आज नया खिलौने दिलाने का वादा किया था। अब मैं क्या करूं? कैसे अपनी बच्ची को वापस लाऊं?
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Shantanu Roy
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