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BREAKING: नौकरी के नाम पर की डेढ़ करोड़ की ठगी, केस दर्ज

Shantanu Roy
3 Sep 2024 6:00 PM GMT
BREAKING: नौकरी के नाम पर की डेढ़ करोड़ की ठगी, केस दर्ज
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बड़ी खबर
Jharkhand. झारखंड। वन विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करोड़ों की ठगी का खुलासा हुआ है। चतरा वन विभाग में कार्यरत कर्मचारी अवधेश तिवारी पर वनरक्षी के पद पर भर्ती के नाम पर 17 लोगों से ठगी का आरोप लगा है। इन युवकों को आईएफएस साकिब आलम से सिमरिया रेस्ट हाउस में मुलाकात करा तथा फर्जी ट्रेनिंग व फर्जी आईडी कार्ड बना प्रत्येक व्यक्ति 7 लाख रुपये ठगने का आरोप लगाया है। पीड़ितों ने बताया कि पाराडीह के कुछ व्यक्तियों ने साथ निभाया है। भुक्तभोगी पंकज कुमार के अनुसार इन सभी को अवधेश तिवारी के द्वारा सिमरिया रेस्ट हाउस ले जाया गया जहां इनकी मुलाकात आईएफएस साकिब आलम से कराया गया और पैसे लेनदेन की बात हुई। जिसके बाद उन सभी की मौजूदगी में वनरक्षी के पद के लिए फॉर्म भरवाया गया। उन्होंने बताया कि फॉर्म अप्लाई करने के बाद चतरा वन विभाग में कर्मचारी अवधेश तिवारी ने रिपोर्टिंग करवाया। जहां पाराडीह के तुलेश्वर राणा, सुमेंदर राणा समेत अन्य मौजूद थे। इस दौरान कर्मचारी के द्वारा ओएमआर सीट भरवाया गया साथ ही वर्दी की नापी लेकर सिलवाई गई।

जिसके बाद वर्दी पहनाकर चतरा-सिमरिया रोड स्थित गोढाई मोड़ के समीप जंगल मे ट्रेनिंग कराया गया। ट्रेनिंग के दौरान युवकों को दौड़ाया एवं पेड़ पौधों के बारे में जानकारी दी जाती थी। उन्होंने बताया अवधेश तिवारी के द्वारा अपनी नौकरी का भरोसा दिलाते हुए एवं अपना आईडी कार्ड दिखाते हुए कहा कि हम सर्विस में हैं कोई गलती नहीं करेंगे, सभी कार्य आपलोगों का ऑफिस में किया जा रहा है, जिसमे आपकी इंट्री वन विभाग चतरा के रजिस्टर में है। अब आपलोगों को भरोसा होगा। जिसके बाद सभी युवकों को महेश भुइयां नामक व्यक्ति का एकाउंट नंबर दिया गया। जो कि सदर थाना क्षेत्र के मोक्तमा का रहने वाला है। जिसमें सभी लोग पैसे डालना शुरू किये एवं कुछ पैसा साईं होटल में कैश भी दिया गया। जिसके बाद हमलोग के एकाउंट पर सर्विस बुक भरवाया गया। खाता खुलवाने के लिए फॉर्म भरवाया गया। उन्होंने बताया कि हमलोगों को रांची वन विभाग मुख्यालय में सर्टिफिकेट वैरिफिकेशन करवाया गया जहां अवधेश तिवारी समेत अन्य की मौजूदगी
वेरिफिकेशन
की गई। जिसके बाद इन सभी के खातों में ट्रेवल एलॉन्स कर ट्रेजरी से 1430 रु भेजा गया। तत्पश्चात प्राण कार्ड बनाया गया। जिसके बाद इन सभी युवकों को ट्रेनिंग के बाद घर भेज दिया गया, और कहा कि पोस्टिंग लेटर आपके घर भेज दिया जाएगा। जिसके बाद इन सभी ने पूरा पैसा पैड कर दिया।

पैसा पैड करते ही अवधेश तिवारी समेत अन्य लोगों का मोबाइल ऑफ आने लगा। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा पोस्टिंग लेटर भेजने की बात कही गई थी लेकिन काफी दिनों बीत जाने के बाद भी लेटर नहीं पहुंची। जिसके बाद सभी युवक चतरा पहुंच अवधेश तिवारी से मिल काम करवाने या पैसा रिटर्न करने को कहा तो उन्होंने कहा कि तुम लोग हमको पैसा दिया है कि जिसका एकाउंट में डाला है उससे जाकर मिलो। हम नहीं देंगे पैसा क्या सबूत है। उन्होंने बताया कि जब इस पूरे घटनाक्रम का कॉल रेकॉर्डिंग, ऑडियो व खाते में ट्रांजेक्शन का मेरे पास रिकॉर्ड रहने को लेकर बताया गया तो अवधेश तिवारी ने इन सभी को जान से मारने की धमकी देने लगे। लाठी-डंडे से मारने की कोशिश की गई। जिसके बाद सभी फरार हो गए। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा है कि इस घटनाक्रम में संलिप्त लोगों पर कठोर कार्रवाई की जाय ताकि भविष्य में किसी के साथ भी इस तरह की ठगी न हो।

पीड़ित पंकज ने बताया कि एक महीने पूर्व सदर थाना में आवेदन दी गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आवेदनकर्ता एफआईआर दर्ज करवाने को लेकर प्रतिदिन थाने का चक्कर काट रहा है। हालांकि थाना प्रभारी के द्वारा ऑफ कैमरा आवेदन के आधार पर एफआईआर दर्ज करने की बात तो कही जा रही है। लेकिन आवेदन देने के एक महीने बाद भी एफआईआर नहीं होना चतरा पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ी कर रही है कि युवक के द्वारा एक महीने के अंदर दो बार आवेदन देने के बाद भी पुलिस आखिर क्यों सोई हुई है..? अब
देखना
दिलचस्प होगा कि मामले में पुलिस एफआईआर दर्ज करती है या फिर युवक लगातार थाने का चक्कर लगाता रहेगा। वन विभाग के कर्मचारी अवधेश तिवारी आरोपों से इनकार करते हैं उन्होंने कहा, मेरे ऊपर लगे आरोप पूरी तरह से निराधार है। उन्होंने कहा कि वो लड़के बताए कि उनकी ट्रेनिंग कहां हुआ है, कहां पैसा ली गई है, कहां हमको देखें हैं वो प्रूफ करें। साथ ही वन विभाग कार्यालय के अंदर हुए डोकोमेंट वेरिफिकेशन को प्रूफ करें। उन्होंने रेस्ट हाउस व होटल में मिलने के आरोप को भी निराधार बताया है। हालांकि उन्होंने कहा कि हमारी संलिप्तता यह है कि जिस व्यक्ति को काम के लिए यह लोग पैसे दिए थे उनको हम भी पैसा दिए हुए थे। इसलिए उन्होंने हमको देखा है।
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