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Alwar. अलवर। सैलून की दुकान में काम करने वाले और पॉलिटेक्निक में डिप्लोमा कर रहे लड़कों ने छत्तीसगढ़ के रिटायर्ड अधिकारी से 54 लाख रुपए की ठगी की थी। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की साइबर थाना पुलिस ने शुक्रवार को दोनों लड़कों को अलवर से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों से 2 मोबाइल कब्जे में ले लिए हैं। इसके अलावा बैंक से जुड़े सभी दस्तावेज जब्त किए गए हैं। इन आरोपियों ने तीसरे साथी का नाम बताया है, जो इनको खाते और मोबाइल नंबर मुहैया कराता था। इन दोनों लड़कों को फ्रॉड में कमीशन मिलता था। अब इनके मोबाइल खंगाले जाएंगे।
बिलासपुर क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर विजय चौधरी ने बताया- अलवर से निकुंज (20) पुत्र ताराचन्द निवासी स्कीम तीन और लक्ष्य सैनी (20) पुत्र बाबूलाल सैनी निवासी शिवाजी पार्क को गिरफ्तार किया है। एक लड़का सैलून में काम करता है, जबकि दूसरा पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कर रहा है। एक के पिता टेंट हाउस चलाते हैं और दूसरे के कुरियर कंपनी में काम करते हैं। उन्होंने बताया- एक युवक के बैंक अकाउंट में ठगी की कुछ राशि ट्रांसफर हुई है। उसके अकाउंट से करीब 9 लाख रुपए बरामद हुए हैं। दूसरे के फोन का इस्तेमाल ओटीपी के लिए किया गया है। इनका तीसरा साथी गौरव फरार है। इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
विजय चौधरी ने बताया- जुलाई 2024 में बिलासपुर (छत्तीसगढ़) रेंज साइबर थाने में सेंट्रल सर्विस से रिटायर्ड जयसिंह चंदेल (71) ने एफआईआर दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने मेरे मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसने की बात कहकर मेरे साथ ऑनलाइन फ्रॉड किया है। उन लोगों ने 54 लाख 30 हजार रुपए ठग लिए। उन्होंने बताया- इस मामले में हम जुलाई से ही एक्शन ले रहे थे। इसमें सितंबर महीने में 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर 22 से 23 लाख रुपए रिकवर किए गए थे। इन आरोपियों में एक हरियाणा औकर दो श्रीगंगानगर के थे। कुछ राशि अलवर के एक अकाउंट में पहुंची तो हमें टेक्निकल इनपुट मिला था कि दो आरोपी अलवर (राजस्थान) में है। इसी आधार पर अलवर से इन दो युवकों को गिरफ्तार किया गया है। एक आरोपी फरार है।
क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर विजय चौधरी ने बताया- इन लड़कों का बैंक अकाउंट ठगी की राशि शिफ्ट करने के लिए इस्तेमाल किया गया है। इससे हमें 8 से 9 लाख रुपए की राशि मिली है। रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर दूसरे युवक का है, जिस पर ओटीपी आया। ये लोग एक रैकेट बनाकर काम करते हैं। विजय चौधरी ने बताया- इन लोगों का एक खास पैटर्न है। कुछ लोग फर्जी सिम और नंबर उपलब्ध कराते हैं। कुछ फर्जी खातों की व्यवस्था करते हैं। कुछ लोग कॉल करते हैं। कुछ पैसा विड्रॉल करने का काम करते हैं। एक रैकेट की तरह पूरा तंत्र साथ में काम करता है। छत्तीसगढ़ के रिटायर्ड कर्मचारी के साथ ठगी की शुरुआत अलवर से ही हुई थी। यहीं से ठगी के लिए कॉल किए गए। फिर आरोपी लगातार लोकेशन बदलकर कॉल करने लगे, ताकि पुलिस इन तक नहीं पहुंच पाए और गुमराह होती रहे। विजय चौधरी ने बताया- आरोपियों ने जय सिंह चंदेल के मोबाइल से पोर्न वीडियो अपलोड करने का आरोप लगाया और वॉट्सऐप पर एफआईआर की कॉपी भेजी।
इस मामले की जांच मुंबई पुलिस की ओर से करने की बात कही। उन्होंने कहा- आपका नाम मनी लॉन्ड्रिंग और चाइल्ड पोर्नोग्राफी केस में आ गया है। इसके बाद एक अन्य युवक ने मुंबई पुलिस का अधिकारी विनायक बनकर बात की और डराने-धमकाने लगे। बदमाशों ने धमकाया कि एक व्यक्ति के घर से 274 एटीएम कार्ड मिले हैं। उसमें एक कार्ड आपका है। इस मामले में ईडी की जांच भी चल रही है। यह कहकर फोन काट दिया। फिर 2 जुलाई को फोन कर कहा- सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन है, जिसके अनुसार आपके बैंक में जमा पैसे की जांच होगी। आप एक ही बैंक के खाते में पूरा पैसा जुटा लो। इसके बाद ईडी और सुप्रीम कोर्ट के फर्जी कागजात भेजकर 14 लाख 30 ट्रांसफर करा लिए। अगले दिन 3 जुलाई को बदमाशों ने फोन कर कहा- म्यूचुअल फंड की जांच कराएं और 35 लाख रुपए जमा करा लिए। फिर 13 जुलाई को फोन कर रुपए की जांच पूरी होने की बात कही। तब 10 लाख रुपए डिपॉजिट करने के लिए कहा। फिर आरोपियों ने दबाव देकर 5 लाख रुपए जमा करा लिए। सभी आरोपी मिलकर 15 दिन तक जय सिंह चंदेल के संपर्क में रहे और झांसे में ले लिया। इस तरह करीब 54 लाख रुपए ठगों ने अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करा लिए। इसके बाद पीड़ित को शक हुआ तो वे पुलिस थाने पहुंचे और रिपोर्ट दी।
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Shantanu Roy
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