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ऑनलाइन परीक्षा में सेंधमारी का खुलासा, इतने लोगों को दबोचा गया

jantaserishta.com
8 Sep 2022 7:22 AM GMT
ऑनलाइन परीक्षा में सेंधमारी का खुलासा, इतने लोगों को दबोचा गया
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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान

गाजियाबाद: सॉल्वर गैंग ने मंगलवार को हुई रेलवे ग्रुप-डी की ऑनलाइन परीक्षा में सेंधमारी कर दी। गैंग ने अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर उन्हें पास कराने का ठेका लिया हुआ था। एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने गाजियाबाद के मुरादनगर के आरडी इंजीनियरिंग कॉलेज में परीक्षा के दौरान गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए सरगना समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से छह मोबाइल बरामद हुए हैं।
एसटीएफ के मुताबिक गैंग के तार देश के विभिन्न राज्यों में जुड़े हैं। गैंग से जुड़े कुछ आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश में टीमें दबिश दे रही हैं। रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा ग्रुप-डी की परीक्षा को संपन्न कराने का जिम्मा यूपी एसटीएफ को सौंपा गया था। मेरठ एसटीएफ के एएसपी बृजेश कुमार सिंह के मुताबिक मुरादनगर थानाक्षेत्र के दुहाई स्थित आरडी इंजीनियरिंग कॉलेज को भी परीक्षा केंद्र बनाया गया था। मुखबिर ने सूचना मिली कि इस केंद्र पर सॉल्वर गैंग ने सेंधमारी करते हुए अपना जाल बिछा दिया है।
एसटीएफ की टीम ने छापेमारी करते हुए सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़ करते हुए छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों में थाना छपरौली बागपत के गांव कुरडी निवासी आशीष कुमार, थाना बुढ़ाना मुजफ्फरनगर के चंदहैडी निवासी प्रदीप पंवार, थाना मोदीनगर के गांव बखरवा निवासी सचिन मलिक, मुरादनगर के मोरटा निवासी विपिन, मुरादनगर की बृजविहार कॉलोनी निवासी रूपक उर्फ रेवती शरण तथा नेत्रपाल शामिल हैं। एएसपी ने बताया कि आशीष गैंग का सरगना है। गैंग से जुड़े दोघट बागपत निवासी कपिल, छपरौली बागपत निवासी अंकित तथा हरियाणा निवासी जयवीर फरार हैं।
एएसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि आशीष और फरार कपिल गैंग को संचालित करते हैं। कपिल पांच से दस लाख में पास कराने का ठेका लेता था। प्रदीप तथा अन्य आरोपी बेरोजगारों को तलाशते थे, जबकि रूपक परीक्षा केंद्रों पर ड्यूटी के लिए स्टाफ मुहैया कराता था। रूपक के जरिये ही सचिन मलिक नाम का आरोपी परीक्षा केंद्र पर ड्यूटी के लिए पहुंचा था। एएसपी ने बताया कि आरोपी गैंग से जुड़े लोगों को स्टाफ के तौर पर परीक्षा केंद्र में दाखिल कराते थे।
फरार जयवीर और अंकित रेलवे ग्रुप-डी की परीक्षाओं की उत्तर कुंजी मुहैया कराते थे। पेपर शुरू होने के आधा घंटे बाद उत्तर कुंजी दोनों के व्हाट्सएप पर आ जाती थी। जिसे वह परीक्षा केंद्र में ड्यूटी दे रहे स्टाफ को भेज देते थे। रुपक ने सचिन मलिक के जरिये उत्तर कुंजी भेजी थी। इस काम के बदले में रूपक ड्यूटी स्टाफ को 30 से 50 हजार रुपए देता था।
एएसपी ने बताया कि रूपक का भाई नेत्रपाल रेलवे की परीक्षा आयोजित कराने वाली एजेंसी टीसीएस में एग्जीक्यूटिव है। नेत्रपाल की परीक्षा केंद्रों में ड्यूटी लगती रहती है। सॉल्वर गैंग नेत्रपाल के माध्यम से भी अभ्यर्थियों को उत्तर कुंजी मुहैया कराते थे। एसटीएफ ने नेत्रपाल को मुरादनगर के दुहाई स्थित बीबीडीआईटी कॉलेज के परीक्षा केंद्र से गिरफ्तार किया।
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