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जांबाज IPS अधिकारी चर्चा में आए, मोदी सरकार ने मणिपुर भेजा
jantaserishta.com
28 Sep 2023 7:21 AM GMT
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एनआईए टीम का हिस्सा थे.
इंफाल: मणिपुर में हिंसा का नया दौर शुरू हो चुका है। इस सप्ताह जुलाई से लापता दो छात्रों की नृशंस हत्याओं पर हिंसा फिर भड़क गई है। भीड़ ने इंफाल में डिप्टी कमिश्नर के कार्यालय में तोड़फोड़ की और कई गाड़ियां फूंक डाली। राज्य में एक बार फिर बिगड़ते हालातों पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने श्रीनगर के टॉप पुलिस अधिकारी राकेश बलवाल को मणिपुर में वापस भेजने का आदेश दिया है। आईपीएस राकेश बलवाल अभी जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में एसएसपी के तौर पर तैनात हैं। वह पुलवामा आतंकी हमले के बाद एनआईए टीम का हिस्सा थे, जिसने मामले की जांच की थी।
दो छात्रों (एक नाबालिग) की क्रूरता पूर्वक हत्या ने एक बार फिर मणिपुर में हिंसा की आग को भड़का दिया है। मणिपुर में हिंसक विरोध प्रदर्शन जारी हैं। भीड़ ने इंफाल पश्चिम में डिप्टी कमिश्नर के कार्यालय में तोड़फोड़ की और दो चार पहिया वाहनों को आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच कल रात उरीपोक, याइस्कुल, सगोलबंद और तेरा में तीखी झड़प भी हुई। जिससे भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाकर्मियों को कई राउंड आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
मणिपुर में हिंसा की ताजा घटना को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आईपीएस राकेश बलवाल को मणिपुर वापस भेजने का फैसला लिया है। अभी वह जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में तैनात हैं।
राकेश बलवाल, एक आईपीएस अधिकारी हैं। वह एनआईए टीम का हिस्सा थे, जिसने पुलवामा आतंकी हमले में 13,800 पेज की चार्जशीट अदालत में पेश की थी। जिसके परिणामस्वरूप कई गिरफ्तारियां हुईं। बलवाल मणिपुर कैडर 2012 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्हें 2018 में चार साल के कार्यकाल के लिए एनआईए में पुलिस अधीक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था।
आईपीएस अधिकारी बलवाल को नीतिगत छूट के तहत तीन साल की अवधि के लिए मणिपुर कैडर से एजीएमयूटी (अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश) कैडर में स्थानांतरित किया गया था।
मंगलवार को सोशल मीडिया पर जुलाई में लापता हुए दो छात्रों के शव दिखाने वाली तस्वीरें सामने आईं थी। दोनों छात्रों की पहचान फिजाम हेमजीत (20) और हिजाम लिनथोइनगांबी (17) के रूप में हुई। फोटो में एक ने सफेद टी-शर्ट पहन रखी है जबकि लड़के ने बैकपैक ले रखा है और चेकदार शर्ट पहनी हुई है। उनके पीछे बंदूकों से लैस दो लोग भी साफ नजर आ रहे हैं। अगली तस्वीर में उनके शरीर जमीन पर गिरे हुए दिखाई दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि दोनों छात्रों को आखिरी बार चुराचांदपुर से 35 किलोमीटर दूर बिष्णुपुर जिले में देखा गया था। यह वह जिला है, जहां मई में मणिपुर में हिंसा की पहली घटना भड़की थी। कथित तौर पर हथियारबंद लोगों ने दोनों जिलों के बीच के इलाके से उनका अपहरण कर लिया और चुराचांदपुर ले गए।
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