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बहादुर हेड कांस्टेबल ने बचाई गर्भवती महिला की जान, फर्ज निभाने के लिए मौत के मुंह में लगाई छलांग

Admin2
23 July 2021 2:23 PM GMT
बहादुर हेड कांस्टेबल ने बचाई गर्भवती महिला की जान, फर्ज निभाने के लिए मौत के मुंह में लगाई छलांग
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डर तो सबको लगता है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते है जो मौत के डर को अपने फ़र्ज़ के दरमियां नहीं आने देते.ऐसे ही व्यक्तित्व के मालिक है उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में तैनात दो बहादुर हेड कांस्टेबल जाबिर अली और पवन कुमार. इन दोनों जांबाज पुलिस वालों ने अपनी जान पर खेल कर एक महिला को नदी में डूबने से बचाया. गौतमबुद्धनगर के दादरी थाना क्षेत्र में एक महिला घर की कलह के परेशान होकर मरने के इरादे से नदी में कूद गई, जैसे ही इन दोनों पुलिसकर्मियों को घटना की जानकारी मिली, तुरंत मैके पर पहुंचकर नदी में कूद कर महिला को बाहर निकाला. घटना गुरुवार की देर शाम की है.पुलिस ने बताया कि महिला की पहचान जारचा थाना अंतर्गत सेतली ग्राम निवासी फुरदौस (35 वर्ष) के रूप में हुई है. उसकी लड़ाई उसके पति अनीश से हुई थी, जिस कारण वह आत्महत्या करने के लिए चली गई थी.महिला अपने पति के शराब पीने की आदत से परेशान रहती थी, उसने एक रात पहले भी आत्महत्या का प्रयास किया था लेकिन सफल नहीं हुई थी.

"मौत से डरते तो पुलिस में भर्ती नहीं होते"

"सर मौत तो जब आएगी तो पता नहीं चलेगा, मौत हो जाएगी. मौत से डरते तो पुलिस में भर्ती ही नहीं होते" यह कहना है उत्तर प्रदेश पुलिस में हेड कांस्टेबल जाबिर अली और पवन कुमार का दोनों गौतमबुद्ध नगर जिले के दादरी थाने में तैनात है.जो पीआरवी (पुलिस रेस्पॉन्स वेहिकल) 1869 पर ड्यूटी निभाते हैं. हेड कांस्टेबल पवन कुमार बताते हैं कि "गुरुवार की शाम को एक व्यक्ति ने फ़ोन किया था कि एक गर्भवती महिला दादरी स्थित एक नहर में कूद गई है.सूचना मिलते ही जाबिर अली और प्रवीण कुमार मौके पर पहुंच गए, मौके पर उन्होंने ने देखा कि एक महिला नदी में डूब रही थी.तो इन बहादुर पुलिस वालों ने बिना कुछ सोंचे नदी में छलांग लगा दी, जिसके बाद कड़ी मशक्कत के बाद महिला को बचा लिया.पवन कहते है कि महिला बेहोश हो गई थी, जिसके बाद हमने उसे नजदीक के पीएचसी में भर्ती करवा दिया, जहां वो अब ठीक है.

"अच्छे से तैरना नहीं जानता फिर भी नदी में कूद गया"

मेरठ के रहने वाले जाबिर अली बताते है कि -" मुझे ठीक से तैरना नहीं आता,फिर भी महिला को बचाने के लिए हमने रिश्क लेना उचित समझा. हमने सोंचा की महिला गर्भावस्था में है उस बच्चे की ज़िंदगी भी बचानी जरूरी है.उसने तो दुनिया भी नहीं देखी है.

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