मिजोरम संग हुए सीमा विवाद के बाद से असम सरकार एक्शन में आ गई है. ये विवाद इतना ज्यादा बढ़ चुका है कि एक सांसद की तलाश में असम पुलिस राजधानी दिल्ली तक आ चुकी है. अब एक और कार्रवाई करते हुए असम सरकार की तरफ से मिजोरम के 6 अधिकारियों को समन भेज दिया गया है. सभी से 2 अगस्त को ढोलाई पुलिस स्टेशन में पेश होने को कहा गया है. बताया गया है कि ये समन भी असम पुलिस ने मिजोरम पुलिस के डिप्टी कमिश्नर और एसपी रैंक के अधिकारियों को भेजा है, ऐसे में ये कार्रवाई काफी बड़ी बताई जा रही है. इस कार्रवाई के मायने इसलिए ज्यादा बढ़ जाते हैं क्योंकि असम सरकार द्वारा लगातार दावे किए गए हैं कि इस हिंसा के पीछे एक साजिश है और असम की छवि को बदनाम करने का प्रयास हुआ है.
सांसद के घर गया नोटिस
इसी एंगल पर आगे बढ़ते हुए शुक्रवार को असम पुलिस की एक टीम दिल्ली आ पहुंची थी. उन्हें मिजोरम के सांसद के वनलीलावेना की तलाश थी. असम पुलिस की चार सदस्यीय टीम दिल्ली आई थी.असम पुलिस ने सीआरपीसी की धारा-41 A के तहत पूछताछ के लिए सांसद के वनलीलावेना के घर के बाहर एक नोटिस भी चिपका दिया है. बताया गया है कि इस मामले में असम पुलिस ने दिल्ली पुलिस की भी मदद ले रही है. ऐसे में आने वाले दिनों मे सांसद के खिलाफ कार्रवाई और तेज होने जा रही है.
क्या था वो भड़काऊ बयान?
जानकारी के लिए बता दें कि मिजोरम सांसद के वनलीलावेना ने सीमा हिंसा वाली घटना के बाद एक विवादास्पद ट्वीट कर दिया था. उनकी तरफ से पहले तो दावा कर दिया गया कि असम ने गोलीबारी शुरू की थी, बाद में उन्होंने असम पुलिस को लेकर भी भड़काऊ बयान दे दिया. उनके उसी बयान पर काफी बवाल काटा गया. पहले तो सिर्फ जुबानी जंग देखने को मिली, लेकिन अब असम सरकार ने उनके घर के बाहर नोटिस चिपकवा दिया है.
मिजोरम सरकार ने सीमा को घोषित किया नो ड्रोन जोन
वैसे मिजोरम सरकार ने एक भी नया आदेश जारी कर दिया है जिसके मुताबिक अब असम संग बॉर्डर नो ड्रोन जोन रहने वाला है. मिलेट्री ड्रोन्स को भी अब परमिशन लेनी पड़ेगी. ऐसे में इस आदेश आने वाले दिनों में अलग ही परिणाम दिखने वाले हैं.
साजिश वाला एंगल क्या है?
लेकिन अभी के लिए असम सरकार उस हिंसक घटना के लिए पूरी तरह मिजोरम को जिम्मेदार मान रही है. कई मौकों पर सीएम हिमंता बिस्वा सरमा की तरफ से कहा गया है कि क्योंकि उन्होंने ड्रग्स तस्करों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया, इसलिए कई लोग नाराज चल रहे हैं, उन्हें राजनीतिक संरक्षण देने वाले परेशान चल रहे हैं. इस विवाद पर मिजोरम के मुख्यमंत्री की तरफ से ज्यादा प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिली है. उन्होंने इतना जरूर कहा है कि असम पुलिस ने पहले गोली चलाई थी. वहीं उन्होंने शांति की पैरवी करते हुए कहा है कि बातचीत के जरिए समाधान निकलना चाहिए.