भारत
देश में 10 जनवरी से लगेगा बूस्टर डोज, बुजुर्गों को मेडिकल सर्टिफिकेट देना होगा जरुरी
jantaserishta.com
26 Dec 2021 9:50 AM GMT
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नई दिल्ली. कोरोना (Corona) की तीसरी लहर (Third Wave) की आशंकाओं और कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) के बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को वैक्सीन की एहतियाती डोज (Precaution Dose) देने की घोषणा कर दी है. पीएम मोदी ने बताया कि अगले साल तीन जनवरी से 15 से 18 साल की उम्र के बीच के किशोरों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया जाएगा. इसके साथ ही 10 जनवरी से स्वास्थ्य व फ्रंटलाइन पर तैनात कर्मियों, अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित 60 वर्ष की अधिक उम्र के लोगों को चिकित्सकों की सलाह पर एहतियात के तौर पर टीकों की खुराक दिए जाने की शुरुआत की जाएगी. हालांकि उन्होंने 'बूस्टर डोज' का जिक्र ना करते हुए, इसे 'प्रीकॉशन डोज' (एहतियाती खुराक- Precaution Dose) का नाम दिया.
CoWIN पोर्टल के चीफ और सीईओ डॉ आरएस शर्मा ने बताया कि कोविड-19 के बूस्टर डोज के लिए पात्र बुजुर्गों को मेडिकल प्रमाण पत्र की जरूरत होगी. मेडिकल सर्टिफिकेट के जरिए उन्हें बताना होगा कि वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं और उन्हें वो बीमारी नहीं है, जिसे स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी लिस्ट में शामिल किया है. दरअसल स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी लिस्ट में 20 बीमारी को रखा है, जो अगर किसी भी व्यक्ति को होगी तो उसे कोरोना वैक्सीन नहीं दी जाएगी.
डॉ. शर्मा ने बताया कि योग्य बुजुर्गो को अपनी सेहत से जुड़ी जानकारी देनी होगी. उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन के अभियान की शुरुआत में जिस तरह से 45 से 59 वर्ष के आयु के लोगों के टीकाकरण के दौरान कहा गया था कि अगर किसी को गंभीर बीमारी है तो इसकी जानकारी डॉक्टर को देनी होगी. उसी तरह बूस्टर डोज के लिए 60 साल के ऊपर के सभी पात्र बुजुर्गों को भी अपनी बीमारी से जुड़ी जानकारी देना आवश्यक होगा. डॉ शर्मा ने News18.com को बताया कि बूस्टर डोज से जुड़ी प्रक्रिया वैसी ही होगी जैसा पहले से अपनाया जा रहा है. शर्मा को CoWIN, सॉफ्टवेयर बनाने का श्रेय दिया जाता है, जिसे भारत के कोविड -19 टीकाकरण अभियान की रीढ़ के रूप में जाना जाता है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिन बीमारी को लिस्ट में शामिल किया है उसमें मधुमेह, स्टेम सेल का प्रत्यारोपण, किडनी की समस्या या डायलिसिस, स्टेरॉयड का इस्तेमाल करने वालों को कोरोना वैक्सीन देने से पहले डॉक्टरों की सलाह लेने की बात कही गई है. किसी भी पंजीकृत डॉक्टर द्वारा हेल्ड सर्टिफिकेट हासिल कर उसे कोविड 2.0 पर अपलोड किया जा सकता है या फिर उसकी हार्ड कॉपी लाभार्थी सीधे टीकाकरण केंद्र पर भी ले जा सकता है.
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