यूपी चुनाव में सट्टेबाज भी सक्रिय, पसंद के दलों पर लगा रहे दांव
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सट्टे का धंधा कोई नया नहीं है ढ्ढ कानून की सख्ती के बावजूद सट्टे का धंधा जीबी लगातार जारी है ढ्ढ सट्टे के धंधे का वर्तमान स्वरूप दुनिया के शेयर बाजार के आकड़ों पर केंद्रित है और शेयर बाजार के आकड़ों के अनुसार सटोरिए रोजाना अपनी किस्मत को आजमाते हैं ढ्ढ लेकिन प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर भी सट्टेबाज तेजी के साथ सक्रिय हो चुके हैं ढ्ढ प्रदेश में अगली सरकार किस दल की बनेगी ? यह प्रश्न जहां विभिन्न राजनीतिक दलों के लिए चिंता का विषय हैं, वही सट्टा बाजार प्रदेश में अगली सरकार भाजपा की बनने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है ढ्ढ यही कारण है कि नयी सरकार को लेकर सट्टा बाजार में सबसे कम रेट भाजपा का है ढ्ढ भाजपा की जीत को लेकर जो भी सट्टा लगा रहा है, उसे सबसे कम दाम मिल रहे हैं ढ्ढ सट्टा बाजार से जुड़े लोग बताते हैं कि कोई भी पार्टी कुछ भी दावे कर रही हो, लेकिन प्रदेश में अगली सरकार भाजपा की ही बनेगी ढ्ढ इसीलिए भाजपा की जीत पर एक के बदले एक का ही रेट चल रहा है ढ्ढ इसी तरह समाजवादी पार्टी का रेट एक के बदले तीन का, बहुजन समाज पार्टी का रेट एक बदले पांच का और कांग्रेस का रेट एक बदले आठ का चल रहा है ढ्ढ अन्य किसी दल के लिए सटोरियों के पास या तो कोई आ नहीं रहा है और जो आ भी रहा है तो उसे एक बदले दस से पंद्रह का रेट दिया जा रहा है ढ्ढ यहाँ पर समझना यह होगा कि अगर कोई व्यक्ति भाजपा की जीत के लिए दस रूपये का सट्टा लगाता है तो उसे जीत के बदले सिर्फ बीस रूपये ही मिलेंगे, जबकि सपा की जीत पर तीस रूपये, बहुजन समाज पार्टी की जीत पर पचास रूपये और कोंग्रेस की जीत पर अस्सी रूपये मिलेंगे ढ्ढ