महाराष्ट्र में लवासा टाउनशिप और हिल स्टेशन प्रोजेक्ट (Lavasa Project) को लेकर शरद पवार (Sharad Pawar) और उनके परिवार पर जो आरोप लगाए गए हैं, उनमें तथ्य है. मुंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने अपने फैसले में स्पष्ट कहा है. लेकिन साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि इसके खिलाफ याचिका काफी देर में दायर की गई, ऐसे में अब काफी वक्त निकल गया है. इसलिए यह प्रोजेक्ट अब गिराया नहीं जा सकता. शनिवार (26 फरवरी) को दिए गए अपने फैसले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह स्वीकार किया कि पवार परिवार ने लवासा प्रोजेक्ट अपने पारिवारिक मिंत्र अजित गुलाबचंद को दिलाने के लिए नियमों का उल्लेंघन किया. इसके लिए शरद पवार और सुप्रिया सुले ने अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल किया और अजित पवार ने उस वक्त सिंचाई मंत्री होते हुए अपने अधिकार का इस्तेमाल ही नहीं किया. उन्होंने नियमों का उल्लंघन होने दिया. इस तरह से यह प्रोजेक्ट गलत तरीके से अजित गुलाबचंद को दिया गया.