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सूरत: गणतंत्र दिवस पर गुजरात के अहमदाबाद में सिलसिलेवार बम विस्फोट की धमकी देने के मामले में गुजरात पुलिस ने बलिया के मनियर क्षेत्र से एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है. पुलिस के अनुसार, आरोपी के परिजनों ने उसे झूठे मामले में फंसाने का आरोप लगाया है. हालांकि, पुलिस सूत्रों ने शनिवार को बताया कि गुजरात पुलिस की तीन सदस्यीय टीम ने शुक्रवार की रात मनियर थाना क्षेत्र के देवरार गांव से ओम प्रकाश पासवान नाम के शख्स को हिरासत में लिया गया है, जिसके बाद उसे अपने साथ लेकर चली गयी है.
दरअसल, सूत्रों के अनुसार अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर ऑफिस को बीते 25 जनवरी को धमकी भरा पत्र मिला था. इस चिट्ठी में अहमदाबाद में रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड समेत विभिन्न स्थानों पर बम विस्फोट करने की धमकी दी गयी थी. उन्होंने बताया कि गुजरात पुलिस ने छानबीन में पाया कि पत्र भेजने वालों में चार लोग शामिल हैं, जिनमें से मुख्य आरोपी बलिया का रहने वाला है. इस आधार पर गुजरात पुलिस शुक्रवार को मनियर थाने पर पहुंची और स्थानीय पुलिस के साथ मनियर थाना क्षेत्र के देवरार जाकर पुलिस टीम ने ओम प्रकाश पासवान को उसके घर से पकड़ लिया.
सूत्रों के अनुसार ओम प्रकाश गुजरात के अहमदाबाद शहर में नौकरी करता था और वह वहां से तीन दिन पहले ही गांव आया था. पुलिस का कहना है कि उसका यहां कोई अपराधिक रिकार्ड नहीं है. इस बीच, हिरासत में लिए गए ओम प्रकाश पासवान के परिजनों ने ओम प्रकाश को निर्दोष करार देते हुए आरोप लगाया है कि उसे फंसाया जा रहा है. इस दौरान पासवान की मां सुरसती देवी ने शनिवार को बताया कि उनका बेटा अहमदाबाद से ट्रेन से 24 जनवरी को गांव पहुंचा था और 25 जनवरी की रात को पुलिस उनके घर पहुंची और उसे थाने ले गई. उसके बाद 27 जनवरी को गुजरात पुलिस आई और उसे अपने साथ लेकर चली गई.
वहीं, पासवान की मां का कहना है कि उनका बेटा आपराधिक चरित्र का नहीं है और उसे फंसाया गया है. इस सवाल पर कि जिस पत्र के जरिए बम धमाके की धमकी दी गई है, उस पर उसके बेटे का नाम, मोबाइल नंबर व आधार कार्ड नम्बर लिखा हुआ है, सुरसती देवी ने सवाल किया कि अगर कोई इस तरह का काम करेगा तो वह धमकी भरे पत्र में अपना विवरण क्यों डालेगा.
इस दौरान देवरार गांव के प्रधान शैलेश कुमार सिंह ने भी बताया कि पासवान गांव का शरीफ व्यक्ति है और वह मजदूरी करने अहमदाबाद गया था. उन्होंने बताया कि उसके नाम से किसी ने शरारत करते हुए उसे फंसाया है. उन्होंने बताया कि वह स्वेच्छा से गुजरात पुलिस के साथ गया है. उन्हें उम्मीद है कि वह पुलिस को तहकीकात में पूरा सहयोग करेगा और साजिश का जल्द से जल्द पर्दाफाश होगा. उधर, बांसडीह के डीएसपी राजेश कुमार तिवारी ने बताया कि बलिया जिले में ओमप्रकाश का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, वह गरीब परिवार का है और अहमदाबाद से पहले वह दिल्ली में मजदूरी करता था.
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