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बम ब्लास्ट मामला: 60 घंटे के बाद भी किसी की नहीं हुई गिरफ्तारी, TMC-BJP समर्थक भिड़े

Neha Dani
5 Dec 2022 1:52 PM GMT
बम ब्लास्ट मामला: 60 घंटे के बाद भी किसी की नहीं हुई गिरफ्तारी, TMC-BJP समर्थक भिड़े
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मेदिनीपुर: पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर में बम ब्लास्ट के 60 घंटे के बाद भी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. दूसरी ओर, बम निरोधक दस्ते ने पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले में हुए विस्फोट की जांच के लिए सोमवार को घटनास्थल का दौरा किया. शुक्रवार को भूपतिनगर में एक घर में हुए विस्फोट में मारे गए तीन लोगों में एक टीएमसी कार्यकर्ता भी शामिल है. विस्फोट पास के कांथी इलाके में शनिवार को वरिष्ठ टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी की एक रैली से कुछ घंटे पहले हुआ. इस बीच, घटना स्थल पर बीजेपी और टीएमसी समर्थकों में भिड़ंत हो गई.
पुलिस ने कहा कि बम निरोधक दस्ते ने मौके से नमूने एकत्र किए. यह सवाल करते हुए कि बम निरोधक दस्ते को घटनास्थल का दौरा करने में इतना समय क्यों लगा, भाजपा कार्यकर्ताओं के एक समूह ने घटनास्थल के पास जाने की कोशिश की. उन्होंने यह भी सवाल किया कि अब तक फॉरेंसिक विशेषज्ञों को जांच के लिए क्यों नहीं बुलाया गया. दूसरी ओर, मृतक की पत्नी के लगातार बयान बदलने के कारण रहस्य गहराया जाता है.
पुलिस ने कहा कि जल्द ही टीएमसी समर्थकों के मौके पर जमा होने और भाजपा कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश करने पर हाथापाई शुरू हो गई. उन्होंने कहा कि हाथापाई में कुछ लोगों को मामूली चोटें आईं. पुलिस ने कहा कि उन्होंने चार-पांच भाजपा समर्थकों को हिरासत में ले लिया ताकि उन्हें टीएमसी समर्थकों द्वारा भीड़ से बचाया जा सके, जिनकी संख्या अधिक थी. रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के जवानों ने भीड़ को खदेड़ कर स्थिति को काबू में किया. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "हम घटनास्थल की घेराबंदी कर रहे हैं ताकि सबूत नष्ट न हों." बता दें कि धमाका इतना जोरदार था कि जिस कच्चे घर में धमाका हुआ, उसके परखच्चे उड़ गए थे.
एनआईए जांच की मांग करते हुए, भाजपा ने आरोप लगाया कि विस्फोट गलती से हुआ जब टीएमसी कार्यकर्ता कच्चे बम बना रहे थे. टीएमसी ने दावा किया कि शनिवार को बनर्जी की रैली में हमले के लिए बम बनाए जा रहे थे. भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने आरोप लगाया कि इलाके में उनकी पार्टी के समर्थकों पर हमला किया गया, क्योंकि वे पुलिस द्वारा घटना को छुपाने से रोकने की कोशिश कर रहे थे. सिन्हा ने दावा किया, "बीजेपी समर्थक वहां यह सुनिश्चित करने गए थे कि टीएमसी विस्फोट से जुड़े सबूतों को नष्ट न करे, लेकिन पुलिस के सामने उन पर हमला किया गया." टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने आरोप लगाया कि बीजेपी इलाके में अशांति फैलाना चाहती है और नहीं चाहती कि सच सामने आए. उन्होंने दावा किया, 'बीजेपी ने गड़बड़ी पैदा करने के लिए लोगों को इलाके में भेजा, लेकिन उन्हें ग्रामीणों ने विफल कर दिया.'
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