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47 की उम्र में बॉडी बिल्डर, महिला ने बनाए 6 पैक एब्स!

jantaserishta.com
18 Jan 2022 4:12 AM GMT
47 की उम्र में बॉडी बिल्डर, महिला ने बनाए 6 पैक एब्स!
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नई दिल्ली: अपने आपको फिट रखना पुरुष और महिला दोनों को पसंद होता है. पुरुष तो कई बार समय निकालकर जिम चले जाते हैं, लेकिन अगर घर की महिलाओं की बात की जाए तो घर की जिम्मेदारी के कारण वे घर से भी काफी कम बाहर निकल पाती हैं. बच्चों की देखभाल, घर का काम, खाना आदि जिम्मेदारी के कारण वे अपनी सेहत पर कम ध्यान दे पाती हैं. लेकिन वहीं कुछ ऐसी महिलाएं भी हैं, जिन्होंने अपनी घरेलू जिम्मेदारियों को अच्छी तरह से निभाने के बाद भी अच्छा मुकाम हासिल किया है.

आज हम आपको एक ऐसी ही घरेलू महिला के बारे में बता रही हैं, जिन्होंने परिवार को भी संभाला और अपने आपको भी फिट बनाया. इनकी उम्र 47 साल है और कोई भी इनके मसल्स देखकर उनकी उम्र का अंदाजा नहीं लगा सकता. बात करते हुए, इन्होंने अपनी फिटनेस जर्नी और फिटनेस टिप्स शेयर किए, जिसे आप आगे पढ़ सकते हैं.
47 साल में भी अपनी शरीर को मेंटेन रखने वाली इन महिला का नाम किरण डेंबला (Kiran Dambala) है, जो कि हैदराबाद में रहती हैं. किरण हाउस वाइफ हैं. लेकिन उन्होंने कुछ समय पहले फिटनेस सर्टिफिकेशन किए हैं और अब वे सर्टिफाइड फिटनेस कोच भी हैं, जो कि ऑनलाइन और ऑफलाइन गाइडेंस भी देती हैं. म्यूजिक के शौक के चले किरण ने कुछ समय पहले प्रोफेशनल DJ का कोर्स किया और अब वे पब्स और क्लब्स में प्रोफेशनल DJ के रूप में भी पहचानी जाती हैं.
आजतक की खबर के मुताबिक किरण ने बताया कि वे 4 साल की उम्र से ही संगीत के प्रोग्राम करती आ रही हैं. उनकी शादी 1999 में हुई थी, जिसके बाद उनके ऊपर एक परिवार की जिम्मेदारी और बढ़ गई थी. उन्हें घर के काम करने होते थे. इसके बाद 2003 में उनकी बेटी हुई और उसके बाद बेटा हुआ.फिर कुछ समय बाद उनके दिमाग में खून का थक्का जम गया था, जिसके बाद उन्हें काफी समय मेडिकेशन पर भी रहना पड़ा. इसके चलते बच्चों की देखभाल, पारिवारिक जिम्मेदारी और मेडिकेशन के कारण उनका वजन धीरे-धीरे बढ़ता गया और वे 74 किलो की हो गईं.
फिर जैसे-जैसे उनके बच्चे बड़े होते गए, वैसे-वैसे उन्होंने सोचा कि क्यूं न थोड़ा वजन कम किया जाए. इसके बाद उन्होंने घर के पास की एक जिम ज्वाइन की और वहां जाकर हल्की-फुल्की एक्सरसाइज किया करती थीं. इसके बाद वे वहां जाकर कई लोगों से मिलती थीं, जिससे उन्हें फिटनेस के बारे में काफी पॉजिटिव बातें सुनने मिलती थीं. इसके बाद से उनका वजन कम होते गया.
फिर जब वे किसी फंक्शन आदि में जाती थीं, तो सभी उनकी तारीफ करते थे, जिससे उन्हें काफी मोटिवेशन मिलता था. इसके बाद उन्होंने सोचा कि क्यूं न कुछ अलग किया जाए ? बस फिर क्या था, उन्होंने मसल्स बनाने की सोची और कुछ ही समय में 6 पैक एब्स बना लिए. यह उनके लिए काफी अच्छा समय था, जहां लोग उनकी फिटनेस के फैन हो गए थे. उन्होंने लगभग 1 साल में 24 किलो वजन कम किया था.
आगे बताती हैं कि मैंने खुद को ट्रांसफॉर्म करने के पहले फिटनेस कोर्स कर लिया था. आज मेरे हैदराबाद में 3 बड़े जिम हैं और जहां मैं कई सेलेब्रिटीज को भी ट्रेनिंग दे चुकी हूं, जिसमें बाहुबली मूवी के डायरेक्टर राजामौली और तमन्ना भाटिया जैसे कई स्टार्स शामिल हैं.
किरण आगे बताती हैं कि उन्हें यह पता था कि महिलाओं उन्हें मसल्स बनाने के लिए प्रोटीन फूड खाने की आवश्यकता होगी. इसके लिए वे रोजना 5 बार खाना खाती थीं और खाने में प्रोटीन फूड का सेवन करती थीं. जिसमें पनीर, चिकन, अंडे, मछली, दालें शामिल होती थीं.
इसकी अलावा वे फाइबर के लिए हरी-सब्जी, साबुत अनाज को भी डाइट में शामिल करती थीं. समय-समय पर उनकी डाइट बदलती गई. बस उन्हें इस बात का काफी अच्छे से अंदाजा था कि उन्हें क्या खाना है, क्या नहीं खाना है और कितनी मात्रा में खाना है.
अगर वर्कआउट की बात करें तो किरण पहले तो काफी कम वर्कआउट किया करती थीं, लेकिन जब उन्होंने एब्स बनाने का गोल बनाया तो उन्हें हैवी वर्कआउट करना था. उन्होंने उम्र को देखते हुए धीरे-झीरे हैवी वेट उठाना शुरू किया, जिसके रिजल्ट भी उन्हें मिले. वे आज भी काफी हैवी वजन उठा लेती हैं.
वे आज भी रोजना 1-2 घंटे एक्सरसाइज करती हैं और घर के सारे काम जैसे बर्तन, झाडू, पोंछा भी खुद ही करती हैं. जिससे वे दिन भर एक्टिव बनी रहती हैं.
किरण ने बताया कि जो लोग दिमाग में अपना कोई गोल बना लेते हैं और उसके लिए मेहनत करना शुरू कर देते हैं, उन्हें कोई नहीं हरा सकता. मेरे सामने काफी सारी जिम्मेदारियां थी, अगर में उन जिम्मेदारियों का हवाला देकर खुदको रोकती रहती तो आज मैं यहां नहीं होती.
अगर आपमें से भी कोई फिटनेस पाना चाहता है, तो सबसे पहले अपना गोल बनाएं और किसी एक्सपर्ट की सलाह लेकर उसके पीछे पड़ जाएं. मेरी एक आदत भी है कि मैं खाली समय में खुद से बात करती हूं, जिससे मुझे काफी मोटिवेशन मिलता है. मैं खाली समय में खुद बात करती हूं कि "मुझे वर्कआउट करना ही होगा, मैंने कहां से ये जर्नी शुरू की थी और आज मैं कहां आ गई हूं, मुझे अपने गोल को अचीव करना है, किसी की भी नेगेटिव बातों पर ध्यान नहीं देना है."
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