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दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने इंस्टेंट लोन के नाम पर ब्लैकमेलिंग और धोखाधड़ी करने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है. यह गैंग लोगों का डाटा सर्वर पर अपडेट कर देता था. यह सर्वर भारत और चाइना में भी काम करता था. पुलिस ने इस मामले में चीन की महिला सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है.
चाइनीज महिला का नाम यूझांग है और दूसरे आरोपी का नाम विनीत झावर है. पकड़ में आए लोगों के पास से तीन लैपटॉप, एक हार्ड डिस्क और 17 मोबाइल फोन पुलिस ने बरामद किए हैं.
दिल्ली पुलिस का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से उन्हें शिकायतें मिल रही थीं कि लोन चुका देने के बाद भी गैंग के लोग पैसे मांगते थे. मना करने पर उनकी मॉर्फ फोटो वायरल करने की धमकी देते और रुपए वसूल करते थे. इसके बावजूद भी धमकाने का सिलसिला जारी रहता था.
फोन हैक करने वाला डाउनलोड करता था एप्लीकेशन
दरअसल, यह गैंग लोन देने से पहले शर्तों के साथ एप्लीकेशन डाउनलोड करने को कहते थे. इसी दौरान ये लोग फोन में कुछ ऐसे एप्लीकेशन डाउनलोड करवा देते, जिसके जरिए फोन हैक किया जा सके. इसके बाद फोन के मीडिया फाइल में मौजूद सभी फोटो और सारे कांटेक्ट इनके पास पहुंच जाते थे.
पुलिस के मुताबिक, जांच के दौरान उन्होंने देखा कि 100 से ज्यादा ऐसे ऐप मौजूद हैं, जो इंस्टेंट लोन के नाम पर पर्सनल डाटा में एक्सेस की परमिशन मांग रहे थे. मामलों में कार्रवाई करते हुए साइबर पुलिस ने पिछले कुछ दिनों में 22 लोगों को गिरफ्तार किया है.
यह नेटवर्क दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश और गुजरात सहित कई जगह फैला है. पुलिस ने आरोपियों के पास से बरामद सामानों की जांच की है.
मामले में साइबर सेल के डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया, "जांच में सामने आया है कि यूझांग और विनीत झावर कुछ दूसरे चीनी नागरिकों के लिए काम कर रहे थे. ये लोग अपने आकाओं के साथ मिलकर करीब 150 करोड़ रुपए की ठगी कर चुके हैं."
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