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कोरोना के बीच नहीं थम रही कालाबाजारी
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं. यहां पर मरीजों को ना समय रहते अस्पताल में बेड मिल पा रहा है और ना ही ऑक्सीजन की पुख्ता सप्लाई होती दिख रही है. बड़े स्तर पर जारी कालाबाजारी ने स्थिति को और ज्यादा चिंताजनक बना दिया है. जगह-जगह से रेमडेसिविर के इंजेक्शन बरामद किए जा रहे हैं. अब कालाबाजारी करते हुए एक डॉक्टर और लैब असिस्टेंट को गिरफ्तार किया गया है.
कोरोना के बीच नहीं थम रही कालाबाजारी
राजधानी दिल्ली में एंटी-नारकोटिक्स सेल और STF टीम को बड़ी कामयाबी मिली है. कोरोना महामरी के दौर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों को धर दबोचा गया है. वहीं दो आरोपियों के साथ आठ रेमडेसिविर इंजेक्शन भी बरामद हुए हैं. बताया गया है कि एक गुप्त सूचना मिलने पर, STF के अधिकारियों के साथ मिलकर नारकोटिक्स सेल ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया. आरोपी के नाम डॉ विष्णु अग्रवाल और निखिल गर्ग बताए गए हैं.
कालाबाजारी में लिप्त डॉक्टर
आपको बता दें कि डॉ विष्णु अग्रवाल को बरवाला चौक से उसकी गाड़ी नं. DL1CL7407 (डिजायर) के साथ गिरफ्तार किया गया था, जो बिना किसी रसीद या पर्ची के 3 रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने की तैयारी में था. पूछताछ के दौरान विष्णु अग्रवाल ने खुलासा किया कि उसने निखिल गर्ग से ये 35,000 रुपये प्रति इंजेक्शन खरीदा था और वो इसे 45000 में बेचने का प्लान बना रहा था. इसके बाद जांच को आगे बढ़ाया गया और विष्णु के बयान के आधार पर निखिल गर्ग को उसकी स्कूटी के साथ गिरफ्तार किया गया और गिरफ़्तारी के दौरान उसके के पास से 5 इंजेक्शन बरामद हुए
दिल्ली सरकार को हाई कोर्ट से फटकार
निखिल ने पूछताछ में रोहिणी के एक नवीन नाम के व्यक्ति का नाम बताया जिससे उसने रेमडेसिविर के ये इंजेक्शन खरीदे थे. ऐसे में अब एंटी-नारकोटिक्स सेल नवीन की तलाश कर रही है, वहीं पकड़े गए दोनों आरोपियों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम, 3 महामारी रोग अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. बता दें कि दिल्ली में बड़े स्तर पर कालाबाजारी को अंजाम दिया जा रहा है. घटनाएं इतनी ज्यादा बढ़ चुकी हैं कि दिल्ली सरकार को हाई कोर्ट से भी फटकार पड़ी है और कड़ा एक्शन लेने की बात कही गई है.
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