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रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का पर्दाफाश, कोरोना वार्ड के 2 वार्डबॉय गिरफ्तार, पुलिस की गोपनीय टीम ने ऐसे जाल में फंसाया

jantaserishta.com
24 April 2021 9:29 AM GMT
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का पर्दाफाश, कोरोना वार्ड के 2 वार्डबॉय गिरफ्तार, पुलिस की गोपनीय टीम ने ऐसे जाल में फंसाया
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फाइल फोटो 

कोरोना संक्रमण के इलाज में मददगार रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का मेरठ पुलिस ने पर्दाफाश किया है. मेरठ पुलिस की गोपनीय टीम ने एक शिकायत के बाद तीमारदार बनकर वार्डबॉय से इंजेक्शन खरीदे. कोविड वार्ड के वार्ड बॉय ने 25000 रुपये में रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचा जिसके बाद तीन और इंजेक्शन देने का वादा कर दिया.

इतना ही नहीं जब पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने की कोशिश की तो उन्होंने पुलिस टीम पर ही हमला कर दिया. इसके बाद पुलिस ने 2 वार्ड बॉय और 4 बाउंसर समेत कुल 6 लोगों को हिरासत में लिया है.
दरअसल, ये मामला मेरठ के सुभारती मेडिकल कॉलेज का है. जहां कोविड वार्ड में रेमडेसीविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का खेल चल रहा था. मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाकर तीमारदारों को मुंह मांगी कीमत पर इंजेक्शन बेचा जा रहा था. इतना ही नहीं कोविड-वार्ड में जिन मरीजों को यह इंजेक्शन जरूरत के हिसाब से दिया गया था. उनको यह इंजेक्शन ना लगाकर इसकी चोरी छुपे कालाबाजारी की जा रही थी.
इस मामले की शिकायत जब पुलिस को मिली तो मेरठ एसएसपी अजय साहनी ने एक गोपनीय टीम लगाकर आरोपियों की गिरफ्तारी करने का आदेश दिया. इसके बाद पुलिस टीम ने एक मरीज के तीमारदार बनकर वार्ड बॉय से इंजेक्शन की डिमांड की जिसके एवज में वार्ड बॉय ने 25000 रुपये मांगे.
बाद में, वार्ड बॉय ने तीन और इंजेक्शन देने का वादा किया. मेरठ पुलिस की सर्विलांस और थाना जानी पुलिस ने इस मामले में 2 वार्ड बॉय को गिरफ्तार कर लिया लेकिन जैसे ही इन्हें गिरफ्तार करके पुलिस ले जा रही थी. तभी चार बाउंसर उन्हें पुलिस टीम पर हमला करने की कोशिश की. एसपी केशव कुमार का कहना है कि इस मामले में पुलिस ने इन चारों को भी हिरासत में ले लिया.
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