उज्जैन। मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी की सुनामी से हुई मौतों के बाद उज्जैन शहर में अब (ब्लैक फंगस) म्यूकोरमाइकोसिस अपने पैर पसार रहा है. कोरोना पीड़ित मरीजों को न सिर्फ कोरोना से बल्कि अब ब्लैक फंगस से भी डर लगने लगा है. शहर में ब्लैक फंगस मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. इस बीच शहर के तेजनकर अस्पताल में भर्ती ब्लैक फंगस से पीड़ित 43 वर्षीय मोहम्मद इमरान की मौत हो गई. इमरान को एक आंख निकालने के बाद भी बचाया नहीं जा सका. ब्लैक फंगस से शहर में ये पहली मौत है. इधर कलेक्टर ने 15 से अधिक ब्लैक फंगस मरीजों की पुष्टि की है, जिनका इलाज उज्जैन के आरडी गार्डी अस्पताल में चल रहा है.
उज्जैन के ऋषि नगर में रहने वाले निजी टेलीकॉम कम्पनी के एरिया सेल्स मैनेजर 43 वर्षीय मोहम्मद इमरान ने दुनिया को अलविदा कह दिया. दरअसल सीएमएचओ की मानें तो मोहम्मद इमरान की मौत ब्लैक फंगस की वजह से हुई है. बताया गया कि इमरान की पत्नी के कोरोना संक्रमित होने के बाद 16 अप्रैल को इमरान की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गईं. जिसके बाद कुछ दिन इमरान घर में आईसोलेट रहे. स्वास्थ्य खराब होने के कारण उन्हें 23 अप्रैल को उज्जैन के तेजनकर अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां पर 27 अप्रैल को नाक में ब्लैक फंगस बीमारी के लक्षण मिले. इसके बाद इमरान को इंदौर के सीएचएल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पहले एक मई और फिर 5 मई को दो बार सर्जरी की गई और इमरान को एक आंख निकालनी पड़ी.
एक आंख का ऑपरेशन होने के बाद भी फंगस कम नहीं हुआ. दूसरी आंख में चला गया. परिवार वाले उसी हाल में उज्जैन ले आये और दोबारा तेजनकर में भर्ती करा दिया गया. यहां इमरान की मौत हो गई. उज्जैन शहर में ब्लैक फंगस से हुई मौत का ये पहला मामला है.