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चुनाव से पहले बीजेपी की मुश्किलें बढ़ी, बड़े नेता ने पार्टी को कहा अलविदा

jantaserishta.com
26 Sep 2023 3:58 AM GMT
चुनाव से पहले बीजेपी की मुश्किलें बढ़ी, बड़े नेता ने पार्टी को कहा अलविदा
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उन्होंने कहा कि भाजपा को हम जैसे कार्यकर्ताओं की जरूरत नहीं है, मैं पार्टी में बोझ बनकर नहीं रहना चाहता।
भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में भगदड़ मच गई है। मध्य प्रदेश में भाजपा ने सोमवार को अपने 39 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट में उम्मीदवारों के नामों को देखकर हर कोई हैरान है। भाजपा की दूसरी लिस्ट जारी होने के कुछ घंटे बाद ही भाजपा के एक और बड़े नेता डॉ. राजेश मिश्र ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा को हम जैसे कार्यकर्ताओं की जरूरत नहीं है, मैं पार्टी में बोझ बनकर नहीं रहना चाहता।
सीधी से भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं मध्य प्रदेश भाजपा कार्य समिति के सदस्य राजेश मिश्र ने टिकट बंटवारे में पार्टी द्वारा नजरअंदाज किए जाने के चलते सोमवार को अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। दरअसल, राजेश मिश्र इस बार सीधी विधानसभा सीट से टिकट की आस लगाए बैठे थे, लेकिन पार्टी ने सीधी से उनके बजाय रीति पाठक को टिकट दिया है। राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट से अपना नाम गायब देखकर नाराज राजेश मिश्र ने इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया है।
राजेश मिश्र ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा को X पर अपना इस्तीफा टैग करते हुए लिखा, ''हम जैसे निष्ठावन कार्यकर्ता की भारतीय जनता पार्टी को कोई आवश्कता नहीं है! इसलिए मैं पार्टी में बोझ बनकर नहीं रहना चाहता!''
जानकारी के अनुसार, भाजपा ने सोमवार को 39 उम्मीदवारों के नाम वाली दूसरी लिस्ट जारी कर दी। इस लिस्ट में भाजपा ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते तथा पार्टी के कई अन्य सांसदों को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों में जगह दी है। मंत्रियों के अलावा जिन सांसदों को विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दिया गया है, उनमें राकेश सिंह, गणेश सिंह, रीति पाठक और उदय प्रताप सिंह शामिल हैं। ये सभी लोकसभा के सदस्य हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इंदौर-1 से चुनाव लड़ेंगे। विजयवर्गीय को मैदान में उतारने के फैसले से 2018 में इंदौर-3 सीट से जीते उनके विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय को फिर से पार्टी का टिकट दिए जाने की संभावना कम हो गई है क्योंकि भाजपा आमतौर पर चुनाव में एक ही परिवार के सदस्यों को अपना उम्मीदवार बनाने से बचती है।
केंद्रीय मंत्री तोमर को दिमनी निर्वाचन क्षेत्र से, पटेल को नरसिंहपुर से और कुलस्ते को निवास सीट से मैदान में उतारा गया है। कई केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को चुनाव मैदान में उतारकर, पार्टी ने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिलने के बीच राज्य में सत्ता बरकरार रखने की अपनी कोशिश को रेखांकित किया है। इनमें से अधिकांश नेता अपनी लोकसभा सीट पर कई बार से जीत दर्ज करते आ रहे हैं। दूसरी सूची के साथ, भाजपा ने मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीट में से 78 सीट पर अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं। मध्य प्रदेश में नवंबर-दिसंबर में चुनाव प्रस्तावित हैं। भाजपा ने पिछले महीने भी 39 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की थी।
गौरतलब है कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 114 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि भाजपा को 109 सीटें मिली थीं। हालांकि, कुछ विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस की सरकार गिर गई थी। मार्च 2020 में शिवराज सिंह चौहान के नए कार्यकाल के साथ भाजपा सत्ता में लौटी थी।
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